नगर निगम फर्जीवाड़ा : नेता प्रतिपक्ष ने अपर आयुक्त पर केस दर्ज करने की उठाई मांग

संवाददाता रोजी खान

लोकेशन इंदौर

नगर निगम फर्जीवाड़ा : नेता प्रतिपक्ष ने अपर आयुक्त पर केस दर्ज करने की उठाई मांग

वीरभद्र शर्मा के हस्ताक्षर से ही होता था भुगतान : चौकसे नगर निगम फर्जीवाड़ा : नेता प्रतिपक्ष ने अपर आयुक्त पर केस दर्ज करने की उठाई मांग पाइप घोटाला ही नहीं… अमानक बोरिंग मशीन भी डालने का आरोप केस दर्ज करने के लिए डीजीपी को पत्र इंदौर. नगर निगम में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े में अपर आयुक्त वीरभद्र शर्मा पर केस दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग उठी है। निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे की अगुआई में कांग्रेस पार्षद दल ने डीसीपी को ज्ञापन सौंपा।

चौकसे ने आरोप लगाया कि शर्मा की निगम के बर्खास्त अफसर अभय राठौर के साथ पार्टनरशिप है। उन्हीं के इशारे पर कंगाल नगर निगम से करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया गया। मास्टरमाइंड : नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के मुताबिक, फर्जी फाइल

लगाया आरोप- शर्मा ही है घोटाले की जांच पुलिस कर रही है। इसमें पुलिस के ऑडिट विभाग के 3 अधिकारियों को आरोपी बनाया है। जांच के बाद कार्रवाई करेंगे एडीशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा के मुताबिक, कांग्रेस पार्षद दल ने ज्ञापन डीसीपी के नाम दिया है। उसमें निगम अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा पर कार्रवाई की मांग है। फर्जीवाड़े की जांच पहले से ही जारी है। यदि संलिप्तता मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने घोटाले में लिप्त होने के कारण ऑडिट विभाग के अधिकारियों को निलंबित किया, लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड अब भी पुलिस कार्रवाई से दूर है। फर्जीवाड़ा वीरभद्र शर्मा के कार्यकाल में हुआ है। उस वक्त वे अपर आयुक्त (वित्त विभाग) के पद पर पदस्थ थे। शर्मा के ही हस्ताक्षर से अभय राठौर की तैयार की हुई फर्म को अब तक करोड़ों का भुगतान हुआ है। इंदौर. सरकारी बोरिंग में कथित पाइप घोटाले के बाद कांग्रेस नेता ने अमानक पंप डालने का भी आरोप लगाया है। इसके लिए ठेकेदार और निगम अफसर को जिम्मेदार मानते हुए उन पर केस दर्ज करने के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है, वहीं ठेकेदार का दावा है कि टेंडर शर्तों के अनुसार, आइएसआइ प्रमाणित मशीन का ही उपयोग किया गया है।

शिकायतकर्ता राकेश सिंह यादव के मुताबिक, शहर में जल संकट के समय बोरिंग के पानी पर निर्भर रहना होता है, लेकिन अधिकांश समय यह बोरिंग खराब रहेते हैं। इसका मुख्य कारण निम्न गुणवत्ता के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना है। शहरभर में 5500 बोरिंग है, एक भी जगह अमानक नहीं निगम की बोरिंग का काम देख रही कंपनी के ठेकेदार हुल्लास जैन के मुताबिक, हमारी कंपनी ने हर जगह आइएसआइ प्रमाणित मशीन का ही उपयोग किया है। शहर में किसी एक भी जगह अमानक मोटर पंप नहीं मिलेगा। शिकायतकर्ता के आरोप मनगढ़ंत है।उनमें से कई बोरिंग में डुप्लीकेट समर्सिबल पंप, डुप्लीकेट केबल, डुप्लीकेट स्टार्टर लगाए है। ठेकेदार की निगम अफसर से सांठगांठ है। इन पर केस दर्ज करने के लिए पत्र भेजा है।

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