भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सुदूर सड़क, रिश्तेदारों ने मिलकर किया बंदरबांट

दमोह से अमर चौबे।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सुदूर सड़क, रिश्तेदारों ने मिलकर किया बंदरबांट

दमोह :– मध्यप्रदेश सरकार भले ही मजदूरों को मजदूरी देने की बड़े-बड़े दावे कर रही हो लेकिन कहीं ना कहीं शासकीय कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि योजना में पलीता लगाते हुए नजर आ रहे।ताजा उदाहरण दमोह जनपद पंचायत क्षेत्र की एक पंचायत गुवारी में बना रही सुदूर सड़क जिसकी जमुनिया नाला से मेन रोड तक करीब 36 लाख रुपये की लागत से सुदूर सड़क का निर्माण चल रहा है जिसमें करीब 10 लाख रुपए की राशि खर्च भी हो चुकी है और इस सड़क में निर्धारित माफ दंड के अनुसार काम नहीं हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायत पर मीडिया दल ने मौके का मुआयना किया तो पाया वहां पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं चल रहा था और ग्रामीणों ने बताया कि सुदूर सड़क निर्माण पहले ही बड़ी-बड़ी मशीनों से कर लिया गया जबकि मजदूरों के लिए एक दिन का भी रोजगार नहीं दिया गया, अब निर्माण कार्य के फर्जी तरीके से मास्टर डालकर किया गया है ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच रोजगार सहायक तथा सेक्टर उप यंत्री के ऊपर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के आरोप भी लगाए हैं।

दमोह जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के हालात देखकर लगता हैं कि जिम्मेदार इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार कर सरकारी धनराशि का बंदरबांट कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं, मांग आधारित यह योजना सिर्फ कागजी आंकड़ों तक सीमित रह गई है असल में जो इसके हकदार हैं वह मारे मारे फिर रहे है और यह अब लक्ष्य आधारित योजना बन गई। अगर कोई ग्रामीण इनकी शिकायत करता भी है तो जिम्मेदार अधिकारी मामले में लीपापोती कर अपनी जेबें गर्म कर लेते हैं।

आपको बता दें यह गुवारी पंचायत वही पंचायत है जिसमें सरपंच कुसुम पटेल का बेटा कमलेश पटेल पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ हैं और पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ धीरज पटेल है जो सरपंच कुसुम पटेल के नंदोई बताए जाते हैं। जिन पर सेक्टर उपयंत्री और जनपद के अधिकारियों के साथ मिलकर जमकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे हैं।

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