25 मई शनिवार 2024 को देव ऋषि श्री नारद जी के अवतरण दिवस पर नारायण ,नारायण
उत्संगत ब्रह्मणोंजातो, यशया हंता न विद्यते. उगुप्त ऋषि चरितम नारदम तम नमामम्यहम।,,,,,,,,,,,,,,, देव ऋषि महर्षि नारद जी एक दिव्यऋषि थे जो हिंदू परंपराओं में एकमात्र संगीतकार सृष्टि के पहले संदेश वाहक , पत्रकार, चिंतक, विचारशील के साथ ही सूचना एवं प्रसारण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का वाहक माने जाते हैंl। धर्म और धर्म के प्रचार तथा लोक कल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहते चारों युगों एवं तीनों लोको मैं समस्त विधाओं में समाज के सभी वर्गों में देव ,दानव, , मानव, यक्ष , गंधर्व आदि में महत्वपूर्ण एवं सम्मान जनक स्थान प्राप्त है सदैव आदरणीय हैं तथा सब के सद कर्मों में सहायक एवं समाज हित में सर्वत्र विचरण करते रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को ब्रह्मा जी की गोद से जन्म लिया है ब्रह्मा जी का मानस पुत्र माना जाता है कठोर तपस्या के बल पर देवताओं द्वारा उन्हें देव ऋषि के पद पर सम्मानित किया गया है। राजा दक्ष के श्राप के कारण दो घड़ी से ज्यादा कहीं पर भी नहीं ठहर सकते हैं तथा ब्रह्मा जी के श्राप से अविवाहित रहे हैं। नारद जी के स्मरण मात्र से बल बुद्धि और शुद्धता प्राप्त होती। है।
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