महक ट्रेडिंग कंपनी के संचालकों पर हुआ धोकाधड़ी का मामला दर्ज,फरीदाबाद के व्यापारी को लगाया 3.22 करोड़ का चूना, न मिला गेंहूं और लौटाया पैसा
टीकमगढ़। गेंहूं बिक्रय के नाम पर फरीदाबाद के एक व्यापारी को तीन करोड़ से अधिक राशि का चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी देहात निरीक्षक रवि कुमार गुप्ता ने महक ट्रेडिंग कंपनी के संचालक सहित उनके पुत्र के खिलाफ धोकाधड़ी का मामला दर्ज किया है। थाना देहात प्रभारी श्री गुप्ता ने बताया कि मामले इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। बताया गया है कि आवेदक संजीव कुमार पारासर पुत्र स्वर्गीय जगदीश पारासर उम्र 45 साल निवासी मकान नंबर ए-27 सेक्टर-85 ओल्ड फ रीदाबाद हरियाणा के द्वारा पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित होकर 20 मार्च 2024 को आवेदन पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई गई थी। बताया गया है कि उन्होंने इस आशय से पेश किया कि महक ट्रेडिंग कंपनी खरगापुर टीकमगढ़ के मालिक जमना प्रसाद असाटी से 2637 टन गेहूं खरीदी की बात होने व रेल्वे रैक से भेजने एवं बाद में विष्णु असाटी एवं जमना प्रसाद असाटी एवं जमना प्रसाद असाटी की पत्नी के द्वारा 2637 टन गेहूं ना भेजने व इस संबंध में रेल्वे के फ र्जी दस्तावेज ईडिमांड व आरआर तैयार कराकर आवेदक से 03 करोड़ 12 लाख 12 हजार रूपए लेने के संबंध में दिया था। कहा गया है कि आवेदन पत्र की जांच में आवेदक संजीव कुमार पारासर पुत्र स्वर्गीय जगदीश पारासर उम्र 45 साल निवासी मकान नंबर ए-27 सेक्टर-85 ओल्ड फ रीदाबाद हरियाणा से पूंछतांछ कर कथन लेख किए गए। उन्होंने बताया कि अब से करीब 09 माह पहले की बात है। मेरी फ रीदाबाद में टीकमगढ़ के जमना प्रसाद असाटी से दिनांक 12 जून 2023 को मुलाकात हुई थी। तब जमना प्रसाद असाटी ने मुझे बताया था कि मैं अपने भाई मुकेश असाटी के साथ मिलकर टीकमगढ़ कृषि उपज मंडी में अनाज खरीदने का काम करता हूं एवं बाहर के व्यापारियों को रेलवे रैक में माल लोड करवाकर ट्रेन द्वारा बेचता हूं।
2637 टन गेंहूं खरीदी का तय हुआ था सौदा-
उन्होंने बताया था कि उनकी फ र्म का नाम महक ट्रेडिंग कंपनी खरगापुर टीकमगढ के नाम से है। तब मैंने जमना प्रसाद असाटी से कहा कि मुझे गेहूं की आवश्यकता है और मेरी जमना प्रसाद असाटी टीकमगढ़ वाले से कुल गेहूं वजन 2637 टन जिसकी कुल कीमत 6,33,12000 करोड़ तेतींस लाख बारह हजार रूपए में सौदा तय हुआ था। जिसमें 3,12,12000 रूपए दिनांक 30 जून 2023 तक देना तय हुए थे, जो उन्होंने दिनांक 13 जून 2023 को जमना प्रसाद असाटी को 2 करोड रूपए नगद दिए थे, इसके बाद दिनांक 27 जून 2023 को जमना प्रसाद असाटी ने अपने मोबाइल नंबर 9893159398 से मुझे फ ोन करके बताया कि महक ट्रेडिंग कंपनी का आईसीआईसीआई बैंक में मेरे भाई मुकेश असाटी के नाम पर खाता क्रमांक 145005002011 है, जिसमें तुम आरटीजीएस के माध्यम से रूपए डाल दो। जिस पर उन्होंने रेलवे टीकमगढ़ को आपकी फर्म को गेहूं भेजने हेतु ईडिमांड. ज्ज्ञडळ 270620233 कर दी है। जिसकी जमना प्रसाद असाटी द्वारा दिनांक 27 जून 2023 को रसीदें अपने मोबाइल नंबर से मेरे मोबाइल नंबर पर व्हाट्स्एप द्वारा भेजी एवं आरआर नंबर 282000192 व 282000193 भी मुझे व्हाट्सएप पर भेजी और कहा कि आपका गेहूं रेलवे बोगियों में रेलवे स्टेशन टीकमगढ़ से लोड हो गया है, तब उन्होंने विश्वास में आकर अपने लडके तुषार पारासर के एक्सेस बैंक के खाता क्रमांक 922010010434477 से महक ट्रेडिंग कंपनी खरगापुर टीकमगढ के खाते में दिनांक 27 जून 2023 को 30 लाख रूपए व 20 लाख रूपए दो बार में 50 लाख रूपए एवं दिनांक 28 जून 2023 को अलग-अलग 10 लाख रूपए, 30 लाख रूपए, 10 लाख रूपए तीन बार में 50 लाख रूपए व दिनांक 29 जून 2023 को 20 लाख रूपए, इस तरह से कुल 01 करोड 20 लाख रूपए आरटीजीएस के माध्यम से महक ट्रेडिंग कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक के खाता क्रमांक 145005002011 में ट्रांसफ र किए थे।
फर्म संचालक ने दिया झटका, की आनाकाना-
संजीव पाराशर ने बताया कि जब उन्होंने रेलवे का भाड़ा कुल 01 लाख रूपए भी उन्होंने पेटीएम के माध्यम से भेजे थे। जब रेलवे रैक द्वारा मेरा माल गेहूं नहीं पहुंचा, तब वह माल की लोडिंग देखने के लिए टीकमगढ आया, तो मैंने जमना प्रसाद असाटी एवं मुकेश असाटी को बार बार फ ोन लगाया, तो वह मुझसे मिलने व बात करने में आनाकानी करने लगे। तब मुझे इन लोगों पर शंका हुई कि मेरे साथ कोई अप्रिय घटना घटित ना हो जावे, तब उन्होंने इन लोगों के द्वारा दिए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए रेलवे स्टेशन टीकमगढ़ गया और स्टेशन मास्टर से मिला। बताया गया है कि मालगाड़ी के संबंध में पूंछतांछ की, तो मुझे स्टेशन मास्टर टीकमगढ़ ने बताया कि यहां पर इस तरह का कोई माल ना तो कोई लोड हुआ है, ना ही मेरे नाम से कोई रेलवे रैक बुक हुई है, स्टेशन मास्टर को बुकिंग की स्लिप व आरआर स्लिप दिखाई, तो उन्होंने जांच करवाकर बताया कि जो ईडिमांड स्लिप व आरआर स्लिप आपको भेजी गई है। वह फ र्जी है, तब मुझे पता चला कि मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद मैं महक ट्रेडिंग कंपनी के ऑफिस पहुंचा, जहां पर ताला लगा हुआ था।
फोन तक कर लिये थे बंद, नहीं किया संपर्क-
श्री पाराशर ने बताया कि जब उन्होंने इन लोगों से बात करनी चाही, तो इन लोगों के फ ोन बंद जा रहे थे, तब मैंने इनके अकाउंटेंट को फ ोन लगाया तो उसने मुझे बताया कि आपके साथ इन लोगों के द्वारा धोखाधड़ी की गई है व जो आपको रेलवे की बुकिंग की आरआर स्लिप, ईडिमांड, बिल, ट्रक व मालगाड़ी आदि के फ ोटो व्हाट्सएप पर भेजे गए थे। सारे नकली व फर्जी तैयार किए गए थे। उन्होंने बताया कि उनके साथ खरगापुर टीकमगढ़ के जमना प्रसाद असाटी व मुकेश असाटी के द्वारा रेलवे के फ र्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी से मुझसे 03 करोड़ 21 लाख रूपए ले लिए है।
फर्जी पाये गये दस्तावेज-
दस्तावेजी साक्षों से महक ट्रेडिंग कंपनी के खाताधारक मुकेश असाटी के खाते में 01 करोड 20 लाख आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर होना एवं 01 लाख रूपए पेटीएम के माध्यम से भेजना पाया गया है, जबकि दो करोड़ रूपए के संबंध में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए है। जांच में साइबर सेल से जमना असाटी के मोबाइल नंबर 9893159398 की कैफ प्राप्त की जो उक्त नंबर जमना असाटी का ही होना पाया गया है, जिससे आवेदक संजीव कुमार पारासर की बात होना पाई गई है। आवेदन पत्र की संपूर्ण जांच में आई साक्ष्यए कथन, आवेदक, रेल्वे प्रबंधक टीकमगढ द्वारा प्रदाय की गई जानकारी, आईसीआईसीआई बैंक टीकमगढ़ एवं यूको बैंक से प्राप्त बैंक खातों की जानकारी से यह पाया गया है कि महक ट्रेडिंग कंपनी के जमना असाटी एवं मुकेश असाटी निवासी खरगापुर टीकमगढ के द्वारा रेल्वे के फ र्जी दस्तावेज तैयार कर आवेदक संजीव कुमार पारासर को गुमराह कर धोखाधड़ी से 01 करोड 21 लाख रूपए लेना पाया गया है, जो उक्त आरोपियानों का कृत्य प्रथम दृष्टया धारा 420, 467, 468, 471, 34 ताहि का अपराध घटित करना पाये जाने से आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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