मांस-पेसियों में और सिर में दर्द होने पर कराएं सी.बी.सी और ऐलाइजा की जांच राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जिले मे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
टीकमगढ़। जिलें में विभिन्न संस्थाओं में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में डेंगू बुखार नियंत्रित करने के लिए प्राचार्य प्रो. इंद्रजीत जैन के मार्ग दर्शन में परिचर्चा का आयोजन किया गया। संकल्प वाचन के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी एचएम रावत, प्रो. सोमित बनर्जी, प्रो. विजय साक्य, प्रो. मुकेश अहिरवार, एनएसएस, एनसीसी के विद्यार्थी उपस्थित रहे। इस अवसर पर राय एवं मिथलेश नर्सिंग कॉलेज टीकमगढ़ में कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें स्टाफ के साथ कॉलेज प्राचार्य नीरज पाराशर उपस्थित रहे और उन्होंने डेंगू नियंत्रण के लिए विद्यार्थियों को शपथ दिलायी। मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया कि शरीर पर लाल चकत्ते, तेज बुखार, आंखो और मांस-पेसियों में दर्द, सिर दर्द होने की स्थिति में सी.बी.सी और ऐलाइजा के जांच जिला चिकित्सालय में अवश्य करायें। एस्प्रिन, और डिस्प्रिन जैसे दर्द निवारक दवाओं का उपयोग न करें आराम करें और चिकित्सक के मार्गदर्शन में डेंगू की दवा लेनी चाहिए। घरों में डेंगू मच्छर पैदा होने से रोकने के लिए पानी को ढककर रखें और प्रति सप्ताह पानी बदलते रहे। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग से शरद नायक, मलेरिया कार्यालय के कर्मचारी और नर्सिंग छात्र-छात्राऐ उपस्थित रहे। खण्ड स्तर पर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी इस अवसर पर डेंगू नियंत्रण के लिए संकल्प वाचन किया गया और संगोष्ठियां आयोजित की गयीं। सामु.स्वा.केन्द्र पलेरा में बी.एम.ओ डॉ. महेन्द्र सिंह पटेल द्वारा विषेष बैठक आयोजित कर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया गया। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार में प्लेटलेट घट जाती हैं। ऐसी दशा मे मरीज को खून की शीघ्र जांच कराना और दवा लेना आवष्यक है। उसे आराम करना चाहिए, शरीर में नमक और पानी की कमी न हो इसका ध्यान रखना जरूरी है। जिले के डेंगू प्रभावित ग्रामों विशेष रूप से आषा कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू नियंत्रण के लिए नारे लेखन का कार्य किया गया। कलेक्टर अवधेष शर्मा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर रोशन के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों से समन्वय कर डेंगू नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान का प्रारम्भ इस अवसर पर किया गया, जिसका उद्देश्य समुदाय स्तर पर डेंगू और वैक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण के लिए आगे भी जिम्मेदारी के साथ कार्य करना रहा हैं। गत वर्ष जिले में 124 प्रकरण दर्ज हुऐ थे। वर्तमान में इस वर्ष अब तक 2 प्रकरण दर्ज हुऐ, जिले में डेंगू की जांच और उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में नि:शुल्क सेवा उपलब्ध है। ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को लोगो को जागरूक करने और लार्वा सर्वे करने के लिये आदेशित किया गया है। टीकमगढ़ शहर में भी लार्वा सर्वे के लिए 4 दल गठित किये गये हैं, जो प्रतिदिन 100 से अधिक घरों में जाकर लार्वा सर्वे और विनष्टिकरण का कार्य कर रहे है साथ ही रेपिड रिस्पोन्स दल का गठन भी वैक्टर कन्ट्रोल के लिए किया गया है, जिससे जिले में इन बीमारियो पर नियंत्रण सहजता और सरलता से किया जा सके।
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