कपास की बुआई 25 मई या तापमान कम होने के बाद ही करें

खरगोन जिला ब्यूरो ✍️चीफ जीतू पटेल

लोकेशन खरगोन

कपास की बुआई 25 मई या तापमान कम होने के बाद ही करें

जिले के समस्त किसान बंधुओं से अनुरोध है कि खरीफ 2024 में गर्मी कपास की बुआई की तैयारी चल रही है। कृषकों द्वारा कपास की बुआई अक्षय तृतीया से करना चालू कर दी जाती है। ऐसे किसानों से अपील की जाती है कि वर्तमान में जिले का तापमान सामान्य से अधिक है एवं गरम हवाएं भी चल रही है। जिससे कपास बीज का अंकुरण एवं पौधों की बढवार पर विपरित प्रभाव पड़ता हैं। जिससे फसल की स्थिति ठीक नही ंरहती है। कपास की बुआई 25 मई या तापमान कम होने के बाद ही करे।

समस्त कृषको से अनुरोध है कि कपास बीज के पैकेट पंजीकृत विक्रेताओं से शासन द्वारा निर्धारित बीजी-1 635 रुपये एवं बीजी-2 864 रुपये प्रति पैकेट (475 ग्राम) दर पर ही क्रय करे। समस्त क्रय किये गये आदान सामग्री का पक्का बिल अवश्य प्राप्त करे। किसी भी बीज विक्रेताओं द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर विक्रय किया जाता है, तो उनकी शिकायत संबंधित विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को उनके मोबाईल नम्बर पर कर सकते हैं। खरगोन एवं गोगांवा विकासखण्ड के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री गिरधारी भावर से मोबाइल नंबर 9131891672, सेगांव एवं भगवानपुरा के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री राजाराम चौहान से मोबाइल नंबर 8085336740, बडवाह एवं कसरावद के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बी.एस. सेंगर से मोबाइल नंबर 9826284421, भीकनगांव विकासखण्ड के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री रामलाल मोरे से मोबाइल नंबर 9009126755, झिरन्या विकासखण्ड के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री बिहारीलाल डावर से मोबाइल नंबर 6264003959 एवं महेश्वर विकासखण्ड के कृषक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री रामलाल वर्मा से मोबाइल नंबर 9630248224 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम का गठन किया गया, जिसका फोन नं. 07282-466865 है जिस पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। किसान बंधुओं से अपील की गई है कि रासी कपास किस्म 659 का वितरण अनाज मण्डी प्रांगण से बीज उपलब्धता अनुसार पावती के आधार पर 2 पैकेट प्रति पावती अनुसार जिले के बीज विक्रेताओं के माध्यम से किया जाएगा। साथ किसानों से कहा गया है कि क्रय किये जा रहे कपास बीज एवं अन्य कृषि आदान का पक्का बिल अवश्य प्राप्त करे। जिससे कि अनियमितता करने वाले लायसेंसी विक्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार वैद्यानिक कार्यवाही की जा सकेगी।

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