डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसे युग पुरुष कई शताब्दियों में एक बार आते हैं: हेमंत सेठिया

मोहन शर्मा Sj न्यूज़ एमपी गुना

गुना । बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर उन महापुरुषों में शामिल हैं , जिन्होंने सोई हुई आत्माओं को जगा दिया । ऐसे युग पुरुष कई शताब्दियों में एक बार आते हैं । यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मध्य भारत के प्रांत सह कार्यवाह श्री हेमंत कुमार सेठिया ने मुख्य वक्ता के रूप में कही । श्री सेठिया बुधवार को मानस भवन में आयोजित विचार प्रवाह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे । स्व नाथूलाल मंत्री जनकल्याण न्यास गुना के बैनर तले होने वाले विचार प्रवाह में प्रांत सह कार्यवाह ने चालीस मिनिट के सारगर्भित उद्बोधन में बाबा साहब के जीवन से जुड़े हर उस पहलू को छुआ , जिसकी वजह से वह युग पुरुष कहलाए । कार्यक्रम की अध्यक्षता गुना के संयुक्त कलेक्टर आर बी सिंडोस्कर ने की । श्री सिंडोस्कर ने इस अवसर पर कहा, महापुरुष भीमराव अम्बेडकर की निगाह में देश सर्वोपरि था । हर द्रष्टि से वह अपने देश को सभी बातों से ऊपर मानते थे । गांधीजी से उनके मतभेद जरूर थे । पर मनभेद नहीं थे ।
भ्रांतियों का निवारण


प्रांत सह कार्यवाह ने कहा, भारत के इस महानायक को लेकर समाज में जो भ्रांतियाँ हैं । उन्हें एक छोटे से सत्र में समेटना असंभव है । उनके अनुसार , हर युगप्रवर्तक के जन्म के पीछे एक पृष्ठभूमि जरूर होती है । ऐसा ही बाबा साहब के साथ था । उस कालखंड को याद करते हुए श्री सेठिया जी ने कहा भगवान राम , कृष्ण , बुद्ध ने तात्कालिक परिस्थितियों के चलते जन्म लिया और समाज को एक दिशा दिखाई । ठीक ऐसा ही बाबा साहब अंबेडकर के साथ था । अपने उद्बोधन में उन्होंने कई उदाहरण दिए । जिनसे इस महान विभूति का चरित्र समझा जा सकता है । ऐसा ही एक उदाहरण के साथ उन्होंने बताया कि किस तरह बाबा साहब को नही का पानी पीने से रोका गया था । और किस तरह उन्होंने विकट स्थिति का सामना करते हुए हिंदू समाज के बीच टकराव को रोक दिया था ।
लक्ष्य भारत को बढ़ाना
अंबेडकर बेहद प्रतिभाशाली थे । इसी के चलते उन्होंने विदेश में शिक्षा ग्रहण की । उनका एक ही लक्ष्य था । हर हालत में भारत को आगे बढ़ाना है । दलित समाज को जिस नायक की जरूरत थी वह उन्हें डा०भीमराव अम्बेडकर के रूप में मिल गया था । श्री सेठिया ने बताया कि बाबा साहब जानते थे सभी समस्याएं उनके जीवन काल में नहीं सुलझाई जा सकतीं पर वह अस्पृश्यता को मिटाने के लिए कृत संकल्पित थे । ऐसा उन्होंने कर भी दिखाया । महानायक को याद करते हुए उन्होंने कहा , उनका लक्ष्य समाज में समन्वय स्थापित करना था । वह मानते थे अपनों के साथ हमें नहीं लड़ना है । ईसाई मिशनरियों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, भीमराव अम्बेडकर के पास मिशनरियों से दस गुना ज्ञान था इसीलिए मिशनरियां अपने नापाक इरादों में सफल नहीं हो पाईं ।
विचार
थॉट्रस ऑफ पाकिस्तान पुस्तक का उल्लेख करते हुए श्री हेमंत सेठिया ने कहा , डाक्टर साहब इस किताब में लिखा है अगर पाकिस्तान बनता ही है । तब अदला बदली भी पूरी होनी चाहिए । इसका मतलब यह है कि वह अखंड भारत के पक्षधर थे और वह देश का विभाजन नहीं चाहते थे पर विभाजन पर पूर्ण अदला बदली के वह पुरजोर समर्थन करते थे ।
सावरकर का उल्लेख
प्रांत सह कार्यवाह ने वीर सावरकर का उल्लेख करते हुए कहा, सावरकर समाज में सभी तरह की बंदियाँ समाप्त करने के पक्षधर थे । ठीक ऐसा ही मत डॉ अंबेडकर का भी था । इस अवसर पर श्री सेठिया ने वंचित समुदाय के बड़े सुधारक जोगेन्द्र नाथ मंडल को याद करते हुए कहा, कि वह किस तरह सामाजिक समरसता के एक श्रेष्ठ उदाहरण थे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुंयुक्त कलेक्टर आर बी सिंडोस्कर ने कहा डाक्टर भीमराव अम्बेडकर उन महान विभूतियों में शामिल हैं जो सिर्फ दलितों के ही मसीहा नहीं है । वह विश्व के महान शिक्षाविद हैं । उन्होंने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा आज का विचार प्रवाह उनके लिए अविस्मरणीय है । समाज के लिए है । देश के लिए है । उनके अनुसार बाबा साहब के कारण देश की तस्वीर बदल गई है । देश आज एकजुट है । अंत में कार्यक्रम का आभार व्यक्त डा सतीश चतुर्वेदी ने किया । कार्यक्रम के शुरू में विषय की जानकारी और अतिथियों का परिचय रनीश जैन ने दिया ।

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