मनोज दिवाकर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप को इन्दौर लोकायुक्त की टीम ने 36 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा,खंडवा महिला बाल विकास में ऑपरेटर,सोशल वर्कर धराया।
मनोज दिवाकर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप को इन्दौर लोकायुक्त की टीम ने 36 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा,खंडवा महिला बाल विकास में ऑपरेटर,सोशल वर्कर धराया।
खंडवा में महिला एवं बाल विकास विभाग के दो कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए। इंदौर लोकायुक्त की टीम ने उन्हें 36 हजार रुपए की रिश्वत के साथ दबोचा है। आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने एक अनाथ नाबालिग से मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की राशि जारी के संबंध में रिश्वत की डिमांड की थी। कोरोनाकाल के बाद बनी इस योजना के तहत माता-पिता दोनों को गवां चुके बच्चों को 4 हजार रुपए प्रति महीने दिए जाते हैं।
17 वर्षीय आवेदक के अनुसार अगस्त 2023 में उसके द्वारा मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत आवेदन पत्र महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय खंडवा में दिया गया था। आवेदक के पिता की मृत्यु होने से आवेदक एवं उसकी बहन के नाम से आवेदन कार्यालय द्वारा स्वीकृत किया गया था। जिसमें प्रत्येक माह 4 हजार रुपए की राशि दोनों बच्चों की शिक्षा के लिए अलग-अलग स्वीकृत की गई थी।
इस योजना के तहत कोरोना महामारी में अथवा अन्य कारण से मां-पिता को खो चुके 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सरकार की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है। 7 माह के हिसाब से 56 हजार रुपए कार्यालय द्वारा आवेदक के खाते में डाले गए थे। जिसमें से 36 हजार रूपए की राशि कार्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ मनोज दिवाकर एवं कंप्यूटर ऑपरेटर संजय जगताप ने मांगी थी।
रिश्वत इसलिए मांगी थी कि इस कार्य को करने और भविष्य में भी ये राशि मिलती रहे इसके एवज में मांग की गई।
पेमेंट नहीं देने पर योजना का लाभ आगे नहीं दिए जाने का कहा गया। जिसकी शिकायत आवेदक ने पुलिस अधीक्षक (लोकायुक्त कार्यालय) इंदौर में की। जिसका सत्यापन कराया गया। बातचीत के दौरान आरोपीगण द्वारा 36 हजार रुपये लेना तय किया। दोनों के खिलाफ एफआईआर कर शुक्रवार को खंडवा स्थित कार्यालय में 36 हजार रुपए की राशि लेते हुए ट्रैप किया गया।
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