सिपाही ने थाने में गोली मारकर की आत्महत्या, आरोप -थाना स्टाफ टॉर्चर करता था

*सिपाही ने थाने में गोली मारकर की आत्महत्या, आरोप -थाना स्टाफ टॉर्चर करता था*

दतिया। दतिया जिले के इंदरगढ़ थाने में पदस्थ एक सिपाही ने आज ड्यूटी के दौरान सरकारी रायफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली चलने की आवाज आते ही थाने में मौजूद स्टाफ भागा तो सिपाही विवेक शर्मा खून से लथपथ दिखा, उसे लेकर अस्पताल भागे जहाँ डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर मृतक के ससुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि थाना स्टाफ उसे टॉर्चर करता था, इसलिए डिप्रेशन में था मैंने इलाज के लिए टीआई साहब से छुट्टी के लिए कहा ता तो वे बोले छुट्टी नहीं मिलेगी नौकरी तो करनी पड़ेगी।

जानकारी के मुताबिक इंदरगढ़ थाने में पदस्थ सिपाही विवेक शर्मा ने आज उस समय थाने में खुद को गोली मार ली जब वो पेहरा ड्यूटी पर तैनात था, गोली की आवाज आते है वहां सनसनी फ़ैल गई, स्टाफ ने घायल विवेक शर्मा को अस्पताल पहुंचाया जहाँ डॉक्टर्स ने उसकी नब्ज देखते ही मृत घोषित कर दिया। सिपाही ग्वालियर का रहने वाला था और उसकी पोस्टिंग दतिया जिले में थी।

मृतक सिपाही के ससुर शत्रुघ्न शर्मा ने पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगाये, उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दामाद कई दिनों से डिप्रेशन में थे वे ड्यूटी को लेकर परेशान थे, वे मुझसे कई दिनों से कह रहे थे कि थाने वाले टॉर्चर करते हैं, मैं ड्यूटी नहीं कर पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि पिछले टीआई ने उनकी चौकी पर ड्यूटी लगा दी तो वे वहां नौकरी कर रहे थे। अब जब नए टीआई आये तो उन्होंने ड्यूटी बदल दी, जिससे विवेक परेशान था मैंने टी आई साहब से कहा कि आप छुट्टी दे दीजिये, कोई ड्यूटी मत लो उससे अभी, मैं ग्वालियर ले जाकर डॉक्टर को दिखा दूंगा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा नौकरी तो करनी पड़ेगी।

मृतक सिपाही के ससुर ने बताया कि इस समय विवेक थाने में पेहरा ड्यूटी पर था, उसने रात को 9 से 12 बजे की पेहरा ड्यूटी की आज सुबह फिर ड्यूटी पहुंच गया और सरकारी रायफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि विवेक शर्मा 2013 की भर्ती थे, 2017 में शादी हुई थी दो बच्चे है एक बेटी 4 साल की है और एक चार महीने का बच्चा है।

घटना की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई , उन्होंने वहां पहुंचकर इसकी जानकारी ली। एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं जाँच की जिम्मेदारी एसडीओपी अखिलेश गिरी गोस्वामी को सौंपी है, घटनाक्रम के बारे में एसपी ने फ़िलहाल मीडिया से बात नहीं की उन्होंने कहा कि ये समय बाईट का समय नहीं है घटना दुखद है।

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