ब्रजेश पाटिल हरदा
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हरदा नेशनल लोक अदालत में 618 मामलो का किया गया निपटारा,राशि रूपये 2.85 करोड़ रुपये से अधिक राशि के अवार्ड पारित
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा श्रीमती तृप्ति शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी जिला हरदा में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ श्रीमती तृप्ति शर्मा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हरदा एवं श्रीमान प्रदीप राठौर, सचिव जिला विधिक सेवा प्रािधकरण हरदा, जिला अधिवक्ता संघ हरदा के अध्यक्ष श्री संजय शाण्डिल्य द्वारा जिला मध्यस्थता केंन्द्र (ए.डी.आर.सेंटर) हरदा में मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। उद्धाटन समारोह में समस्त न्यायाधीशगण, अधिकारीगण एवं जिला अधिवक्तागण, लीगल एड डिफेंस काउसिंल,बैंक, एवं विद्युत मंडल के अधिकारी/कर्मचारी तथा न्यायालयीन कर्मचारीगण आदि उपिस्थत रहे।
नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती तृप्ति शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरदा ने अपने संक्षिप्त एवं सारगर्भित उद्धोधन में लोक अदालत का महत्व बताते हुये लोक अदालत का महत्व बताते हुये लोक अदालत के सफल आयोजन में सक्रिय सहयोग करने हेतु अधिवक्ताओं एवं सभी विभागों के प्रमुख्य इलेक्ट्रानिक मीडिया व अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता व पक्षकरों प्रशंसा की एवं कहा की लोक अदालत जनता की अदालत है यह सुलह एवं समझौता का मंच है तथा शीघ्र एवं सस्ते न्याय का स्तोत्र है ।
लोक अदालत में जिले में कुल 11 खण्डपीठ बनाई थी जिसमें से 9 खण्डपीठ न्यायालयों की, 1 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की तथा 1 खण्डपीठ पुलिस परामर्श केन्द्र हरदा की बनाई गई है। न्यायालय की खण्डपीठों में न्यायालयों के कुल 2688 पेंडिग प्रकरणों को तथा प्रीलिटिगेशन प्रकरण के रूप में 244895 प्रकरणों को लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निराकरण हेतु रखा गया था।
न्यायालयों के रखे गये 295 पेंडिंग प्रकरणों में मोटर दुर्घटना दावा के 65 ..प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा राशि रूपये 5985000 /- के अवार्ड पारित हुये । इसी प्रकार कुल 146 आपराधिक शमनीय प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा धारा 138 एन.आई.एक्ट के 61..प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा. 16979202/- समझौता राशि के आदेश पारित हुये । सिविल प्रकरणों में 10 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिनमे राशि रू 1566824/-के आदेश/अवार्ड पारित हुए। विद्युत अधिनियम के. 10 प्रकरण का निराकरण हुआ तथा राशि रूपये 102000/- का अवार्ड पारित हुआ। इसी प्रकार 7 वैवाहिक/कुटुम्ब न्यायालय के प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं वर्षो से अलग रह रहे परिवार एक लोक अदालत के माध्यम से एक हुये।
प्रीलिटिगेशन प्रकरण के रूप में बैंकों के 25 .प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा राशि रूपये 316388/-के अवार्ड राशि पारित हुए । इसी प्रकार नगर पालिका /नगर परिषद के जलकर के कुल 6 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा राशि रूपये .29673/- की राशि जमा हुई एवं सम्पत्ती कर के 12 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें राशि रूपये 208248/- की राषि जमा हुई इसी प्रकार विद्युत विभाग के कुल. 271.. प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा राशि रूपये 1135000/-समझौता राशि के रूप में वसूल हुई। प्रीलिटिगेशन प्रकरण के रूप में पुलिस परामर्श केन्द्र में घरेलू हिंसा/वैवाहिक विवाद के रूप में कुल 07 प्रकरणों को रखे गये थे जिनमें से 04 .प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में कुल 618 प्रकरणो का निराकरण हुआ एवं राशि रूपये 2,85,09,216./- के अवार्ड/आदेश पारित हुये तथा नेशनल लोक अदालत में 1349 व्यक्ति लाभान्वित हुए।
कार्यक्रम में श्री प्रदीप राठौर, जिला न्यायाधीश/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा तथा, श्रीमती तृप्ति शर्मा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरदा एवं श्रीमान अनूप कुमार त्रिपाठी विशेष न्यायाधीश प्रभारी अधिकारी नेशनल लोक अदालत हरदा श्रीमान शैलेन्द्र कुमार नागौत्रा, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय हरदा तथा एवं श्री रोहित सिंह तृतीय अपर सत्र जिला न्यायाधीश तथा श्रीमान के.के. वर्मा मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट हरदा, श्रीमान सचेन्द्र कुमार भदकारिया द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड हरदा एवं श्रीमान विनीत साकेत, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड हरदा एवं श्रीमती प्रियंका सुमन साकेत, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड हरदा एवं प्रशिक्षु न्यायाधीश कु. सृष्टि साहू एवं कु. काजल पटेल एवं जिला अधिवक्ता संघ हरदा के वरिष्ठ अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारी तथा पक्षकारगण उपस्थित थे।
*कुटुम्ब न्यायालय के राजीनामा प्रकरण की सफलता की कहानी*
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न्यायालय के एम0जे0सी0 प्रकरण क्रमांक 116/23 धारा 125 द0प्र0सं0 श्रीमती दुर्गाबाई वि0 गुडडू में आवेदक दुर्गाबाई द्वारा दिनांक 13/07/23 को अपने पति से आपसी मनमुटाव होने के कारण दोनो अलग अलग निवास करने लगे एवं आवेदक दुर्गाबाई द्वारा भरण पोषण राशि प्राप्त करने हेतु न्यायालय में प्रकरण पेश किया गया था। जिनमें आज न्यायालय के द्वारा समझाईश दिये जाने उपरांत पति एवं पत्नि के बीच आपसी मतभेद समाप्त कर अनावेदक द्वारा आवेदक पत्नि को उसकेे साथ सुखपूर्वक घर ले गया एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा दोनों को उपहार स्वरूप एक पौधा दिया गया।
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