मनावर से शकील खान की रिपोर्ट
नर्मदा घाटी मे किसान, मजदूर,पशुपालक, मछुआरे,श्रमिक महिला,और आंदोलनकारी भाई सेकड़ो की तादात में महिला अधिकार सम्मेलन में शामिल है।
आज की मुख्य अतिथि है इंदौर की सामाजिक कार्यकर्ता सारिका श्रीवास्तव,और जय आदिवासी संगठन की सीमा वास्कले।।
दोनों ने महिला दिवस का इतिहास बताकर,महिलाओं के, जात,धर्म के पार सुरक्षा,नागरिकत्व,और जीने,जीविका का अधिकार का समर्थन और उसके लिए संघर्ष के लिए जरूरत व्यक्त की।
नर्मदा घाटी से श्यामा मछुआरा,सेंचुरी श्रमिक मनीषा पाटिल,संगीता कनेरा,और कमला यादव,तथा मेधा पाटकर ने पूरी भूमिका,और हकीकत रखकर आंदोलन को आगे बढ़ाने की जरूरत और तैयारी दिखाई।।।
मांग नही केवल ,संकल्प है,पूर्ण पुनर्वास, तबतक सरदार सरोवर का जलस्तर 122 मीटर पर रोकने का,पर्याप्त राशन,मनरेगा का 200 दिन ,प्रति दिवस 400/- रुपए मजदूरी,पलायन पर रोक और कानून का पालन,शराबबंदी, किसान महिला को सम्मान और उपज का सही दाम,श्रमिकों को रोजगार की सुरक्षा और श्रम मंत्रालय से न्याय, हासिल करने का।
महिलाए आज चेतावनी भी दे रही है,मुख्यमंत्री,नर्मदा के उच्च अधिकारी,और चार जिलों के जिलाधिकारीयों को आवेदन देकर….अगर अधिकार नही मिलेंगे,संवाद से न्याय नहीं मिलेगा,तो सशक्त संघर्ष शुरू करेंगे,नर्मदा घाटी में।
आज *”नर्मदा महिला अधिकार मंच”* की स्थापना और समिति की
महिला सदस्यों के नाम घोषित किए।।
*नर्मदा बचाओ आंदोलन, श्रमिक जनता संघ..*
*जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय।*
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