लोकेन्द्र सिंह परमार टीकमगढ़
आखिरी दिवस अभियान में 3 हजार से अधिक बच्चों सहित सम्पूर्ण कार्यक्रम 5 हजार से अधिक नागरिकों ने तिलक लगाने का संकल्प लिया- अभिषेक खरे
टीकमगढ़। पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में चलाए जा रहे हर मस्तक तिलक अभियान का आज समापन ओरछा में हुआ। विगत 14 फरवरी बंसत पंचमी कुंडेश्वर धाम से शुरू हुआ संतों के नेतृत्व में हर मस्तक तिलक अभियान का समापन आज 21 फ रवरी को रामराजा की नगरी ओरछा में हुआए जिसने संपूर्ण बुंदेलखंड के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों का ध्यान खींचा और सभी समाजिक संगठनों, व्यकित्वों का समर्थन मिला। आखिरी दिवस पर हर मस्तक तिलक अभियान में स्कूलीं बच्चों व बड़ों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए तिलक लगाकर सनातन संस्कृति, अपनी भारतीय संस्कृति के बारे में जाना व आपसी संवाद किया गया। कार्यक्रम बुंदेलखंड क्षेत्र के नगर परिषद कारी, लिधौरा, बम्होरी बराना, पलेरा, खरगापुर, कुडिला, बल्देवगढ़, जेरोन, बड़ागांव, बुडेरा, ग्रामीण कुंडेश्वर, अस्तौन, मोहनगढ़, दिगौड़ा, प्रथ्वीपुर, निवाड़ी, तरीचर, धिस्लीपट्टा व वहीं नगर में 15 स्थानों सहित ओरछा में कार्यक्रम का समापन हुआ। हर मस्तक तिलक अभियान समिति संयोजक अभिषेक खरे रानू ने बताया कि आज समापन के दिन टीकमगढ़ निवाड़ी क्षेत्र के 50 स्थानों पर भव्य कार्यक्रम हुए ए स्कूली बच्चों व बड़ों ने और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लेते हुए तिलक लगाकर सनातन संस्कृति की पद्धति के बारे में जाना व इसके महत्व गिनाए। जिसमें लगभग 3 हजार से अधिक बच्चों और वयस्कों ने तथा 5 हजार से ज्यादा नागरिकों ने बुधवार को तिलक लगाने का संकल्प लिया। इस हर मस्तक तिलक अभियान में समिति के लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने समय दिया। स्कूली बच्चों के अभिभावकों द्वारा उनका इस अभियान के लिए उत्साह वर्धन किया गया। समिति द्वारा क्यूआर कोड जारी किया गया। जिसमें लोगों ने तिलक लगाकर अपनी सेल्फ ी उस अपलोड की तथा सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई। संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र में इस अभियान का सकारात्मक असर व संदेश देखने को मिला है व अन्य क्षेत्रों से भी अभियान को समर्थन दिया व संतों, साहित्यकारों, कवियों, अधिवक्ताओं, वरिष्ठ पत्रकारों व समाजसेवियों ने विभिन्न वीडियो संदेश इस अभियान को समर्थन देने के लिए सोशल मीडिया पर जारी किए। अभिषेक खरे रानू ने कहा कि आज के व्यस्तम समय में जहां हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं वहीं हर मस्तक तिलक अभियान से हमें एक दूसरे से जुड़े होने की एकता व अपनी संस्कृति पर गौरवान्वित महसूस करते हैं। किसी भी देश की उन्नति व उत्थान तभी संभव है जब वह अपने राष्ट्र की संस्कृति व भावना पर सम्मान करें, उस पर गर्व करे किसी देश की मूल भावना संस्कृति ही उसका आधार है। उन्होंने कहा कि तिलक आज्ञा चक्र पर लगाने से याददाश्त बढ़ती है, कुमकुम या तिलक लगाने से हमारी ऊर्जा बनी रहती है।
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