लोकेन्द्र सिंह परमार टीकमगढ़
श्रीमद् भागवत क था का चतुर्थ दिवस-
पारीक्षित और श्रोता का किया वर्णन, भगवान श्रीकृष्ण का मनाया गया जन्मोत्सव
टीकमगढ़। नगर के विनायक पुरम स्थित लोकेश्वर महादेव मंदिर पर चतुर्थ दिवस श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा के तृतीय दिवस राजा परीक्षित, श्रोता, सोता और सरोता पर कथा का वर्णन किया। सृष्टि को रचाने, प्रजापति दक्ष और माता सती की कथा का वर्णन किया। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर कथा सुनाई। कथा के यजमान पूर्व मंत्री राहुल सिंह लोधी और जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह लोधी रही। संगीत मय कथा का वाचन यशोदा नंदन संजय कृष्ण शास्त्री महाराज द्वारा किया गया। कथा वाचक यशोदा नंदन संजय कृष्ण शास्त्री ने बताया कि एक बार कंस अपने साथ वासुदेव और देवकी को लेकर जा रहा था, तभी आकाशवाणी होती है रे कंस देवकी का आठवां पुत्र तेरा काल बनकर नाश करेगा। इतना सुनते ही कंस ने वासुदेव देवकी को कारावास में बेडियों से बांधकर डाल दिया। सैनिकों का पहरा लगाते हुए कहा कि जब देवकी को कोई संतान हो तो मुझे सूचित करना। इसके बाद जब भी देवकी को संतान होती कंस उनको मार देता। जब देवकी आठवां गभर्धारण करती है, तभी कंस ने सैनिकों को सावधान कर दिया। भादप्रद कृष्ण पक्ष की अष्ठमी को मध्य रात्रि में भगवान नारायण बालक रूप में प्रकट होते हैं। वे कहते हैं कि मुझे गोकुल नंद बाबा के घर छोड़ आओ और वहां से योग माया को साथ ले आओ। तभी अचानक बेडिय़ां खुल जाती हैं। वासुदेव ने कृष्ण को टोकरी में सावधानीपूर्वक रखा यमुना नदी पार करते हुए नंद बाबा के यहां लेकर पहुंचते है, वहां से योगमाया लेकर आ जाते हैं। इधर, नींद में हो रहे पहरेदारों की नींद टूटती है और वे कंस को सूचना देते हैं। कंस जैसे ही योगमाया को मारना चाहता वह आकाश में जाकर कंस को सचेत करती है। उधर, गोकुल में कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई जाती है। कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयौ, जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। वहीं मक्खन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाया गया।
कथा में यह रहे मौजूद-
श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 15 फ रवरी से किया गया था। कथा का शुभारंभ शाम 4 बजे से किया जाता है। लोकेश्वर महादेव मंदिर मैदान में आयोजित की जा रही है। कथा 21 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। कथा श्रोता एचपी सिंह, राधा रमन पस्तोर, पंडित रूपेशानंद तिवारी, पंकज रावत, सुनील चौबे, रामदीन लोधी, दाखीराम लोधी, रामेश्वर लोधी, घनश्याम रैकवार मातौल, बब्बी यादव, कृष्णपाल सिंह, नंदू चौरसिया, तेज प्रताप सिंह, राजकुमार, अरविंद्र सिंह, अंशूल सेन, गनेश, गिरधारी पाल के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।
Leave a Reply