ब्रजेश रजक सागर
2 सितंबर को अतिथि शिक्षको की महापंचायत के आदेश करवाने के लिए प्रदेश के अथिति शिक्षक ने ध्यानाकर्षण रैली निकाल कर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक लंबे अरसे से अपने भविष्य सुरक्षित करने की मांग को लेकर संघर्ष करते रहे है,अनेकों बार इन अतिथि शिक्षको ने भोपाल में जंगी प्रदर्शन किए परंतु आज भी यह दर दर की ठोकरें खाते नजर आ रहे है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लंबे समय के बाद इनकी सुनी और इनकी महापंचायत के आदेश जारी किए थे जिससे अतिथि शिक्षको को लगा था की शायद अब उनका भविष्य सुरक्षित हो जायेगा परन्तु ऐसा तो नहीं हो सका फिर भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनकी महापंचायत में इन्हे दोगनी वेतन देने, इनको परीक्षा में 50 प्रतिशत आरक्षण देने और अधिकतम 20 अंक बोनस, पूरे साल का अनुबंध देने के साथ इनकी विभागीय परीक्षा लेने की घोषणा की थी जिससे समूचे प्रदेश के अतिथि शिक्षक काफी हद तक खुश नजर आ रहे थे परंतु उस समय डबल वेतन का आदेश तो विभाग ने जारी कर दिया था परंतु महा पंचायत के बाकी आदेश उस समय जारी नही हो पाए जिसके बाद विधानसभा चुनाव आ गए इन अतिथि शिक्षको ने सत्ता पक्ष का साथ दिया और बीजेपी सरकार प्रबल बहुमत से एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रही परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को न बनाकर श्री मोहन यादव को बना दिया फिर क्या इस स्याशी उलट पलट के बाद अतिथि शिक्षको के आदेश भी ठंडे बस्ते में चले गए जिसको लेकर आज समूचे मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षको ने जिला स्तर पर रैली निकाल कर कलेक्टर के नाम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौप कर महापंचायत में होने वाली घोषणा के आदेश तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है।
महापंचायत की घोषणा के बाद भी अतिथि शिक्षको के आदेश नही होने से अनेकों स्थिति शिक्षको को उच्च पद प्रभार के नाम पर स्कूलों से बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है वही अनेकों महीनो की वेतन भी इन्हे नही मिली जिससे नाराज अतिथि शिक्षको ने कहा की हम सरकार का विरोध नही कर रहे परंतु हमारी महापंचायत में हुई घोषणा के आदेश जारी करवाने को लेकर समूचे मध्यप्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से सरकार का आकर्षण और अल्टीमेटम दे रहे है अगर सरकार हमारी नही सुनती तो हम आगे की रणनीति बनाने और आंदोलन की राह अपनाने में नही हिचकेंगे।
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