चार माह से अथिति शिक्षको की वेतन न मिलने से अथिति शिक्षक पहुंचे भुखमरी की कगार पर

ब्रजेश रजक सागर

चार माह से अथिति शिक्षको की वेतन न मिलने से अथिति शिक्षक पहुंचे भुखमरी की कगार पर

 

 

ब्यूरो चीफ ब्रजेश रजक सागर मध्यप्रदेश

 

जिले के अथिति शिक्षको की आर्थिक स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है क्योंकि मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अथिति शिक्षको को लगभग चार माह से वेतन नहीं दिया गया जिससे जिला अंर्तगत स्कूलों में पढ़ाने वाले अथिति शिक्षको को काफी परेशान देखा गया हैं।

 

अथिति शिक्षक संघ के सागर जिला अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी द्वारा बताया गया की सागर जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अथिति शिक्षको को विगत चार महीनों से वेतन नहीं दिया गया जिससे अथिति शिक्षको को अपना जीवन यापन करने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है साथ ही उन्होंने बताया की वेतन न मिलने से कुछ अथिति शिक्षक तो भुखमरी की कगार पर जा पहुंचे जबकि कुछ अथिति शिक्षक मजदूरी करने के लिए बाध्य है, ऐसे में सवाल उठता है की प्रदेश के भविष्य को बनाने वाले अथिति शिक्षक आज आर्थिक रूप से काफी परेशान है ऐसे में वह कैसे देश के भाविष्यो का भविष्य बनाएंगे,जब शिक्षक ही भूखा और परेशान रहेगा तो क्या होगा।

 

 

साथ ही श्री तिवारी द्वारा बताया गया की 2 सितंबर को प्रदेश के उस समय के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अथिति शिक्षको की महा पंचायत के दौरान यह घोषणा की थी की प्रत्येक माह अथिति शिक्षको को वेतन मिलेगा,पूरे वर्ष का अनुबंध रहेगा,प्रतिवर्ष 4 अंक अधिकतम 20 अंक और पात्रता परीक्षा में 50 परसेंट आरक्षण तथा उनकी विभागीय परीक्षा लेकर नियमितीकरण किया जायेगा परंतु यह करू न करके शिक्षा विभाग खुले आम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश का मजाक उड़ा रहा है।

 

साथ ही उन्होंने बताया की शासन प्रशासन द्वारा उपेक्षा के शिकार होने से अथिति शिक्षक के मन मस्तिष्क में विभिन्न प्रकार की नेगेटिविटी पैदा हों रही है जिससे काफी अथिति शिक्षक काल के गाल में समाते जा रहे है जिला अध्यक्ष ने एक पुरानी घटना को याद करते हुए बताया की पिछले दिनों घर में इकलौता कमाने वाला और घर में इकलौता पुरुष अमित निवासी पठा जो धनोरा हाई सेकंडरी स्कूल में पदस्थ अथिति शिक्षक कोहरे के कारण एक्सीडेंट का शिकार हो गया था जिससे उसकी अस्पताल में दुखद मौत हो गई थी परंतु शिक्षा विभाग और शासन प्रशासन की उदाशीनता के चलते उसे न तो कोई राहत मिली और न हो शासन प्रशासन ने उसकी मां पत्नी और बच्चों की सुध ली ऐसे में ये कहना लाजमी है की अथिति शिक्षक जो देश का भविष्य बनाता है उसका कोई भविष्य नहीं।

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