शेख आसिफ़ खण्डवा
लाखों की जायजाद होने के बाद बुजुर्ग नारायण,पुत्रों के दुर्व्यवहार से,
घर से हुए बेघर,
अच्छे घर से होने के बाद भिखारी जैसा जीवन रेलवे के पुल पर व्यतीत कर रहे थे नारायण दादा,
नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें अपनी गाड़ी में लाकर ट्रेन रैनबसेरा में छोड़ा,
खंडवा ।। भाग्य जब साथ नहीं देता इस प्रकार के परिणाम देखने को मिलते हैं, महाराष्ट्र जालम तहसील के ग्राम कुरखेड़ा के निवासी नारायण रामभाउ गावंडे उम्र लगभग 65 वर्ष इनकी गांव में 30 एकड़ जमीन है परिवार सहित यह रहते थे पत्नी सविता के गुजर जाने के बाद उनके लड़कों ने उनकी चिंता नहीं की उनके साथ अच्छा व्यवहार न करने के कारण दादा अपना गांव छोड़कर खंडवा आ गए ,खंडवा रेलवे पुल पर में दो-तीन महीने से यह एक ही स्थान पर सोना बैठना करते थे जहां गुजरने वाले कोई रोटी चाय की व्यवस्था कर देता था ठंड के दिनों में समाज सेवीयो द्वारा कंबल प्रदान कर दी गई उन्होंने अपना निवास रेलवे के पुल पर बना रखा था समाज सेवीयो की नजर पढ़ने के बाद नगर निगम के उपायुक्त सचिन सिटोले जाकिर जाफरी एमआईसी सदस्य रामगोपाल शर्मा, संदेश गुप्ता, सुनील जैन, बबलू राजाणी रेलवे पुल पर पहुंचे और बुजुर्ग नारायण दादा से बात करने के पश्चात उन्हें निगम की गाड़ी में बैठा कर नए बस स्टैंड के रेन बसेरा में लेकर आए जहां नारायण भाई अपना जीवन बिताएंगे नगर निगम के उपायुक्त सचिन सीटूले ने रैन बसेरा के व्यवस्थापक को आदेशित किया है कि उनकी दाढ़ी- बनवाकर इनको अच्छे से नहला कर अच्छे कपड़े पहनाकर दादा के खाने पीने की व्यवस्था करें समाजसेवी सुनील जैन ने जब दादा से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं महाराष्ट्र के गांव का रहने वाला हूं और मेरी 30 एकड़ खेती है चार लड़के हैं लेकिन मेरा मन उनके पास नहीं रहने का हुवा और मैं खंडवा चला आया जहां रेलवे पुल पर में विगत दो-तीन माह से निवास कर रहा हूं नगर निगम के अधिकारी मुझे यहां लेकर आए हैं जहां अब मैं रहूंगा दादा नारायण ने सभी नगर निगम कि टीम एवं समाज सेवीयो को धन्यवाद देकर आभार व्यक्त किया
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