श्रीराम कथा का हुआ समापन, कथा को अंदर (मन में )उतारने से फल मिलता हैं, पं.श्री शर्मा ,श्री राम के अयोध्या आगमन के प्रसंग में दीपोत्सव मना

Sj न्यूज़ जिला ब्यूरो चीफ मुस्तकीम मुगल अलीराजपुर

 

 

 

*श्रीराम कथा का हुआ समापन,

*कथा को अंदर उतारने से फल मिलता हैं* पं.श्री शर्मा

*श्री राम के अयोध्या आगमन के प्रसंग में दीपोत्सव मना*

 

 

*आलीराजपुर आखरी दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने पर कथा पांडाल में मना दीपोत्सव। श्री राम के भजन* *सजा दो घर मनाओ उत्सव, खूब उतारो आरती अवध में राम आए है*।*

 

राम भक्त ले चला राम की निशानी* आदि भजनों की धुन और जय श्रीराम के जयकारों के साथ पूरा कथा पांडाल उस समय धर्म मय हो गया जब व्यास पीठ से कथा वाचक पंडित अरुण शर्मा द्वारा श्रीराम भरत मिलन,रावण वध कर भगवान राम के अयोध्या लौटने की कथा सुनाई। इस पूरे कथा पांडाल में दीपोत्सव मनाया गया। महिला पुरुषो ने हाथो में दीप लेकर खुशियां मनाई। दीपोत्सव कार्यक्रम में सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य परिवार और विद्यार्थीयो का सराहनीय योगदान रहा।

श्री राम कथा उत्सव समिति द्वारा आयोजित श्री राम महिमा व्याख्यान कथा में समापन दिवस में पं.श्री अरुण जी शर्मा (बड़वाह) ने कहा कि-शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जी, श्री विष्णु जी के साथ श्री सागर में शेषनाग की शय्या पर विराजमान रहती है और क्षीर सागर में श्री विष्णु जी के चरण कमलों को स्पर्श करती हैं | इसलिए जो भी स्त्री अपने पति के पैरों को दबाती हैं | तो उस घर में हमेशा मां लक्ष्मी विराजमान रहती हैं | इसमें ग्रहों का भी एक विशेष महत्व होता हैं जिससे शारीरिक, आर्थिक परेशान नहीं होती हैं। चरित्र का निर्माण मां की कोख से होता है मां की कोख में गर्भ ज्ञान प्राप्त कर लेता है। हमारा आदर्श स्थापित करो आचरण सुधारो तो जीवन सुधर जाएगा। कथा को अंदर उतरने से फल मिलता है । सती अनुसूर्या को प्रसंग को विस्तार से बताते हुए कहा कि स्त्री के लिए पति व्रत धर्म सबसे बड़ा धर्म है। बंद कमरे में स्त्री को पति के अलावा अकेले में किसी पुरुष के साथ नहीं रहना चाहिए।उक्त विचार

पं.श्री शर्मा ने कथा में कहा कि छोटे से छोटे व्यक्ति से भी मिले तो प्रेम से मिले जिस प्रकार भगवान श्री राम ने निशाद तो गले लगाया था। भाई हो तो भरत जैसा जिसने सब कुछ त्याग अपने भाई के लिए।बहु को घर में आती है तू पैसा देते हैं ताकि पति के संकट के समय वह सहयोग करें। नई बहू शुरू में चंद्रमुखी होती है एक साल तक सूरजमुखी रहती है उसके बाद ज्वालामुखी हो जाती है। बुरे सपने आते हो तुम दान करो और अभिषेक करें।भगवान भक्त के प्रेम से वशीभूत होते हैं। संत महात्मा के दांहीने पैर को छूते वक्त हमारा बायां हाथ हो और उनके बायां पैर पर हमारा सीधा हाथ हो अर्थात क्रास मुद्रा हो।

कथा के अंतिम दिन भाजपा जिला अध्यक्ष मकू परवाल,युवक कांग्रेस नेता एवं वार्ड 10 के पार्षद पुष्पराज पटेल,बिंदास मित्र मंडल,श्रीराम गोशाला समिति आदि ने कथा श्रवण कर व्यास पीठ पर पहुंचकर कथा वाचक पंडित अरुण शर्मा से भेट कर उनका सम्मान कर आशीर्वाद लिया। कथा के यजमान सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य बलिराम बिल्लौर,जितेंद्र सिंह परिहार थे और राकेश पंवार, दुर्गेश महेंद्र टवली और आनंद पवार, उमेश वर्मा कछवाहा‌ आदि ने भी यज्ञ में भाग लिया । कथा अंत में श्रीराम कथा उत्सव समिति के सदस्यो द्वारा कथा वाचक और उनके साथ आई भजन टीम का सम्मान किया गया। सात दिवसीय कथा में श्री रणछोड़ राय फ्रेंड सर्कल के सदस्यो, समस्त यजमानों,सहयोग कर्ताओं और श्रोताओं के प्रति श्रीराम कथा उत्सव समिति के अध्यक्ष गिरिराज मोदी ने आभार जताया। अंतिम दिवस की आरती मांझी समाज, वाल्मीकि समाज और राजपूत ठाकुर समाज के सदस्यों ने आरती का लाभ लिया।

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