वीर भूमि बुंदेलखंड, बागेश्वर धाम में पीठाधीश्वर ने फहराया 111 फुट ऊंचा ध्वज: झंडे में ऊपर ‘जय श्रीराम’ और नीचे ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा, बांदा के विनोद त्रिपाठी ने किया समर्पित

वीर भूमि बुंदेलखंड, बागेश्वर धाम में पीठाधीश्वर ने फहराया 111 फुट ऊंचा ध्वज: झंडे में ऊपर ‘जय श्रीराम’ और नीचे ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा, बांदा के विनोद त्रिपाठी ने किया समर्पित

वीर भूमि बुंदेलखंड, छतरपुर जिले में तीर्थ क्षेत्र बागेश्वर धाम मंदिर परिसर में मशीन से संचालित होने वाला 111 फुट ऊंचा भगवा ध्वज स्थापित किया गया। यह भगवा ध्वज इस धाम से काफी पहले से जुड़े बांदा के एक भक्त परिवार ने समर्पित किया है। इस ध्वज की ऊंचाई 111 फुट और झंडे की लंबाई 11 फुट बताई जा रही है। झंडे की स्थापना पर तकरीबन 7 लाख रुपये खर्च आया है। झंडे में ऊपर ‘जय श्रीराम’ और नीचे ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा हुआ है। इस ध्वज को कपिध्वज नाम दिया गया है।

बांदा शहर के मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी विनोद त्रिपाठी और उनका परिवार प्रसिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम से लंबे समय से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से इस ध्वज को स्थापित करवाने की इच्छा जाहिर की थी। सारी तैयारी के बाद बीते रोज बागेश्वर धाम में वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ विधिविधान से इस 111 फुट ऊंचे भगवाध्वज की स्थापना की गई।

स्वयं पीठाधीश्वर और विनोद त्रिपाठी ने मशीन का बटन दबाकर झंडा फहराया। इस झंडे की लंबाई 11 फुट है। इस झंडे में ऊपर ‘जय श्रीराम’ और नीचे ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा हुआ है। लोहे और एल्यूमिनियम के इस विशाल ध्वज को कपिध्वज नाम दिया गया है। ध्वज को नीचे से बटन द्वारा संचालित करने के लिए एक उपकरण लगाया गया है, जिससे से आसानी से चढ़ाया और उतारा जा सकता है।

इस अवसर पर पीठाधीश्वर पं.शास्त्री ने कहा कि यह ध्वज हिन्दू राष्ट्र की प्रेरणा को आगे बढ़ाएगा। कहा कि महाभारत के युद्ध में भी उनके रथ पर हनुमानजी महाराज विराजमान थे। इसलिए पांच पांडव सौ कौरवों पर भारी पड़े। बताया कि त्रिपाठी परिवार बागेश्वर धाम से कई वर्षों से जुड़ा है। इस ध्वज स्थापना के लिए उन्होंने कई बार आग्रह किया।

आखिरकार दूर से ही नजर आने वाला यह विशाल ध्वज यहां स्वतंत्र हवा में फहरा रहा है। इस अवसर पर इस ध्वज को भेंट करने वाले बांदा के विनोद त्रिपाठी ने कहा कि बागेश्वर धाम वह प्रसिद्ध तीर्थ है,जहां आकर सभी दिन दुखियों के दुख दूर होते हैं। जो सनातनी अभी तक इस धाम को नहीं आए हैं, वे एक बार यहां अवश्य आएं और बागेश्वर बालाजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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