स्वास्थ्य विभाग के बजट को दीमक की तरह चट कर रहा सालों से कुर्सी पर जमें बड़े बाबू नारायण मालवीय, अपने दोनों बेटों को संविदा कर्मचारियों के पद पर दो अस्पतालों में पदस्थ, वेतन की रेबड़िया बांट रहा

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी
लोकेशन रायसेन
रायसेन।जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग रायसेन में हेड क्लर्क नारायण मालवीय सालों से जमे हुए हैं।इन्हें मंत्री सहित स्वास्थ्य महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों का सीधा संरक्षण हासिल है।बड़े बाबू नारायण मालवीय की मोटी कमाई का हिस्सा उक्त लोगों में बराबर बंटता है।सालाना करोड़ों रुपये के बजट को हेड क्लर्क मालवीय चट कर जाता है।स्वास्थ्य विभाग के चाहे कर्मचारी हो या फिर डॉक्टरों नर्सिंग स्टाफ का तबादला हो या अटैचमेंट बगैर बड़े बाबू के इशारे के पत्ता तक नहीं हिलता ।इन महाशय ने करोड़ों की अकूत चल अचल संपत्ति जुटा ली है। बताया जाता है कि हेड क्लर्क नारायण मालवीय की एक नहीं बल्कि दो पत्नियां हैं।एक उनके ही समाज की गोपालपुर के मकान में तो दूसरी साउथ इंडियन पत्नी अस्पताल कैंपस के सरकारी आवास में रहती हैं।इन दो पत्नियों के परिवार के पेट पालने का जिम्मा बड़े बाबू के कंधों पर है।इन महाशय के एक बेटे को विदिशा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में तो दूसरे को सिविल अस्पताल साँची में संविदा नियुक्ति अटैच कर रखा है।लेकिन मोटा वेतन बड़े बाबू मालवीय आहरण करते हैं।इतना ही नहीं इनके साढ़ू भाई को भी जिले के किसी सरकारी अस्पताल में बतौर क्लर्क पद पर पदस्थ कर रखा है।मोटा वेतन हर महीने उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। राज्य स्तरीय जांच समिति को इनके बैंक खातों की बारीकी से जांच की जाना चाहिए।
ठंडे बस्ते में पड़ी जांच…. फाइलों में हेराफेरी
रायसेन सीएमएचओ कार्यालय में हुए करोड़ों के पेंशन घोटाले छटवे सातवें वेतनमान एरियर्स मृतकों को मिलने वाली राशि घोटाले हुए हैं।कम्यूटर के ऑनलाइन रिकार्ड में नाम तो असली सेवानिवृत्त कर्मचारियों के दिखाई दे रहे हैं।लेकिन उनके खातों में दूसरे के नाम लगे हुए हैं जो राशि सीधे घोटालेबाज बाबुओं के परिजनों रिश्तेदारों के खाते में जमा हो चुकी है।बड़ी चालाकी से यह करोड़ों का महाघोटाला किया गया है।सूत्रों से पता चला है कि कोषालय, वित्त विभाग भोपाल से राज्य स्तरीय जांच समिति की जांच सुस्त गति से चल रही है।वर्षों से जमे इन बाबुओं ने कम्प्यूटर और फाइलों के रिकार्ड को छेड़छाड़ कर हेराफेरी कर ली है।ताकि घोटाले के पेंच से आसानी से बचा जा सके।










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