सर्वे के इंतजार में खड़ी पकी गेहूं की फसल:आंधी-ओला और बारिश से 115 से अधिक गांवों में पहुंचा था नुकसान

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ sj न्यूज़ एमपी रायसेन

एंकर रायसेन।बैमौसम बारिश आंधी हवा और ओलों की मार से जिलेभर में गेंहू चना अन्य रबी सीजन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। आंधी-ओला और बारिश से हुए नुकसान का सर्वे अब तक पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि जिला प्रशासन ने 145 सर्वे टीमों का फसल नुकसान का जायजा लेने गठित कर दी है।ऐसी स्थिति में किसान गेंहू फसल पक जाने के बाद भी उसे काटने से कतरा रहे है।क्योंकि उनके खेतों का सर्वे अभी होना बाकी है। यदि वे फसल कटवा लेते हैं तो सर्वे दल के पहुंचने पर वे नुकसान को नहीं बता पाएंगे। इस दुविधा में अब तक किसान उलझे हुए हैं। हालांकि अफसराें का कहना है कि 4-5 दिन में सर्वे पूर्ण कर लिया जाएगा। दूसरे चरण में करीब 115 गांवों में लगभग 10 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र की फसलों को नुकसान पहुंचा था। जिलेभर में अभी गेहूं की फसल काटी ही नहीं है, जिससे गेहूं की खरीदी भी लेट होने की बात कही जा रही है।


वैसे तो रायसेन जिले में समर्थन मूल्य पर 4.75 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इस खरीदी के लिए 148 केंद्र बनाए जाने हैं। इसमें से 98 केंद्र तय कर लिए गए हैं। यहां पर 25 मार्च से खरीदी शुरू होना थी। लेकिन इस दिन कोई भी किसान उपज लेकर नहीं आया। गेहूं बेचने वाले किसानों को पहले स्लॉट की बुकिंग भी कराना है।लेकिन किसानों ने अभी तक अपने स्लॉट भी बुक नहीं कराए है। कारण किसान फसल नुकसान का सर्वे कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं।
अपने वेयरहाउस काे केंद्र बनाने साेर्स लगा रहे जनप्रतिनिधि…
सत्ता संगठन सरकारों से जुड़े नेता जनप्रतिनिधी के जिले में ज्यादातर वेयर हाउस बना रखे हैं वह दोहरा फायदा उठाने के लालच में मंत्री सांसदों के इशारे पर अफसरों पर गेंहू चना खरीदी केंद्रों दबाव बनाने में जुटे हुए हैं।
समर्थन मूल्य पर होने वाली गेहूं, चना, मसूर की खरीदी के लिए जनप्रतिनिधि अपने वेयरहाउस को केंद्र बनवाने हर तरफ से सोर्स लगा रहे हैं। मंत्री सांसदों और विधायकों से भी अधिकारियों को फोन लगवा रहे हैं। जिले में कई लोगों ने लोन लेकर वेयरहाउस तो बना लिए हैं, लेकिन वे खाली पड़े हैं, जिससे रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है।
भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री मिट्ठूलाल मीणा किसान जागृति संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र बाबू राय रज्जु भैय्या, इरफान जाफरी जिलाध्यक्ष रंजीत यादव ने बताया कि ओला-बारिश और तूफान से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। अब तेज धूप निकल रही है।जिससे फसल पककर तैयार हो चुकी है। लेकिन सर्वे नहीं हुआ है। इस कारण किसान फसल नहीं कटवा रहे हैं। ऐसा ही कहना है तरावली के किसान सुरेश बाबू मीणा, महेश्वरी के विजय सिंह दांगी, संदूक के भगवान सिंह मीणा और बनियाखेड़ी के किसान मोहर सिंह कुशवाह और बड़नपुर के किसान रघुवीर सिंह मीणा मेहगांव के प्रेम सिंह कुशवाहा रविन्द्र बघेल का। उन्होंने बताया कि बारिश का पानी लगने से गेहूं की चमक चली गई है, जिससे उसके रेट भी 400 से 500 रुपए कम मिलेंगे। जो फसल आड़ी हो गई थी, उस क्षेत्र में 2 से 3 क्विंटल तक कम उत्पादन आएगा।

मौका मिला तो तीन दिन में 735 किसानों ने और कराया पंजीयन….
ओला-बारिश और ओले गिरने से फसलों के खराब होने के बाद शासन ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने पोर्टल तीन दिन खोल दिया था। इन तीन दिनों में 735 किसानों ने पंजीयन कराए हैं। अब तक गेहूं बेचने के लिए 68 हजार 518 किसान पंजीयन करवाा चुके हैं। 4.75 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया जिले में, इस खरीदी के लिए 148 केंद्र बनाए जाने हैं। इसमें से 98 केंद्र तय कर लिए गए हैं।
इनका कहना है….,
खरीदी की तैयारियां पूरी….
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करने तैयारियां पूरी हो गई हैं। जिले में 148 खरीदी केंद्र बनाना है। इसमें से वेयर हाउस स्तर पर 98 केंद्र तय हो चुके हैं, ।जहां पर किसान अपना गेहूं लाकर कभी भी बेच सकते हैं। केंद्र पर 2125 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से गेहूं की खरीदी होगी।

  • आरएम सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी रायसेन

4.50 लाख बारदाना उपलब्ध
गेहूं की खरीदी के लिए 4.50 लाख बारदाना मंगा लिया गया है। इसे सोसायटियों पर भी पहुंचा दिया है। गेहूं की खरीदी की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण हो चुकी हैं। संभवत: सोमवार से खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
-केएल शर्मा, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम रायसेन

4-5 दिन में पूरा हो जाएगा सर्वे
ओला-बारिश से हुए नुकसान को लेकर फाइनल सर्वे चल रहा है, जाे 4-5 दिन में पूर्ण हो जाएगा। सर्वे में अभी कहीं पर 10 से 15 % तो कहीं पर 30से 40% तक नुकसान की बात सामने आई है। सर्वे पूर्ण होने के बाद राजस्व विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही किसानों को मुआवजा मिलेगा।
-एनपी सुमन, उपसंचालक कृषि अधिकारी रायसेन

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