रायसेन से नरेंद्र राय SJ न्यूज एमपी

रायसेन।शहर और उसके आसपास 30 से अधिक सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल हैं। इनमें 50% स्कूल ऐसे हैं जिनकी मरम्मत ठीक से नहीं कराई गई है। समर वेकेशन के दौरान जब मरम्मत करवाने का सही मौका था तब मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ लीपापोती की गई। इसी लापरवाही के चलते क्लास रूम की छतें टपक रही हैं। स्कूल कैंपस में पानी भरने के कारण कीचड़ और दलदल हो गया है।इस वजह सेबच्चों का निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसी हालत में अब इन सरकारी स्कूलों में अब प्राइमरी और मिडिल तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। 23 जून से लगातार बारिश का दौर भी चल रहा है। ऐसे में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के 1 लाख 35 हजार नन्हें-मुन्ने बच्चे छई छपा छई करते हुए अपने स्कूल पहुंच रहे हैं। प्रवेशोत्सव भी मनाया जा चुका है । लेकिन इसके पहले जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी एसके उपाध्याय ने लापरवाही दिखाते हुए स्कूलों में समुचित इंतजाम ही नहीं किए। 50 फीसदी से ज्यादा स्कूलों के खिड़की-दरवाजे टूटे हुए हैं। टायलेट का पता नहीं है।इनका कहना है…..सभी स्कूलों से मरम्मत के मांगे थे प्रस्तावसभी स्कूलों से मरम्मत के लिए प्रस्ताव मांगे थे। उसी के अनुसार मरम्मत की राशि भी दी गई है। जिन स्कूलों में दिक्कत होगी, वहां दोबारा मरम्मत कराई जाएगी।जबकि व 1 जुलाई से प्रवेशोत्सव की सभी तैयारियां पूरी की गईं थीं। एमएल राठौरिया डीईओ जिला रायसेन
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