मोहन शर्मा SJ न्यूज एमपी गुना
प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदकों ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगा दिया। इनमें से दो लोगों पर कार्रवाई के आदेश लोक शिक्षण संचालनालय से जारी हुए हैं।
ऐसे ही दो शिक्षक को गुना में नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। दोनों ने फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हांसिल की थी। गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
कर्मचारी चयन मंडल मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित प्राथमिक शिक्षक पद की पात्रता परीक्षा में जिन शिक्षकों को बर्खास्त किया गया उनमें दीपक पुत्र मुन्नालाल शर्मा निवासी जौरा जिला मुरैना और वैदेही चरण पुत्र हेमंत शर्मा निवासी ग्राम तिलोंजरी जिला तहसील कैलारस जिला मुरैना शामिल हैं। इनमें दीपक को प्राथमिक विद्यालय मनोरापुरा (आरोन) और वैदेही चरण को शासकीय हाईस्कूल भगवतीपुरा (राघौगढ़) में नियुक्ति मिली थी।
मुरैना कलेक्टर की जांच और प्रतिवेदन के बाद दीपक शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अपने आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने लिखा कि “दीपक शर्मा रोल नंबर 22806726 पिता मुन्नालाल पता 35 गांव गुर्जना पोस्ट भर्रा जौराजिला मुरैना 476224 की नियुक्ति इस कार्यालय के आदेश क्रमांक 1811 दिनांक 30.03.2023 से प्राथमिक शिक्षक के पद पर शा.प्रा.वि. मनोरापुरा शाला जिला गुना में दिव्यांगता श्रेणी HH में की गई थी। दीपक शर्मा द्वारा मुरैना जिले का दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर उसके आधार पर दिव्यांगता की श्रेणी में आरक्षण प्राप्त कर नियुक्ति प्राप्त की गई। संबंधित द्वारा प्रस्तुत दिव्यांगता प्रमाणपत्र की कलेक्टर मुरैना से जाँच करवाई गई।
संबंधित द्वारा नियुक्ति के दौरान ज्वाइनिंग के समय शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें यह स्पष्ट लेख था कि “मेरे द्वारा जो जानकारियां दी गई हैं और जो दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं यदि उनमें कोई भी जानकारी / दस्तावेज असत्य पाये जाते हैं तो मेरी सेवा तत्काल समाप्त की जा सकेगी तथा मेरे विरूद्ध असत्य शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के लिए भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकेगा।” कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत करने एवं शपथ-पत्र में गलत जानकारी देकर नियुक्ति प्राप्त करने के कारण दीपक शर्मा पिता मुन्नालाल की प्राथमिक शिक्षक पद पर की गई नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाती है।”
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