मोहन शर्मा SJ न्यूज एमपी
सिवनी, किसी परिवार में मृत्यु होने पर रिश्तेदार पड़ोसियों को सम्मिलित होते देखा गया है, किन्तु सिवनी के डूंडा सिवनी में एक अनोखी गाय की जानकारी सामने आई है, जो बैंड- शहनाई की मातमी धुन सुनते ही मृतक के घर पहुंच जाती है.
आश्चर्यजनक बात यह है कि किसी सामान्य व्यक्ति की तरह दुखी होकर आंसू बहाती हुई शवयात्रा में शामिल होती है और अंतिम संस्कार के दौरान कपाल क्रिया की रस्म के बाद आमजनों की तरह चिता की परिक्रमा भी करती है. मृतक परिवार को ढांढस बधाने की परंपरा अनुसार मोक्षधाम से वापस मृतक के घर जाते हैं, उस समय भी यह गाय सभी लोगों के साथ मृतक परिवार के द्वार तक जाती है. बीते दो-ढाई साल से डूंडा सिवनी के किसी भी परिवार में मृत्यु होने पर सबसे पहले यह गाय पहुंचती है, बाद में मृतक के रिश्तेदार-पड़ोसी पहुंचते हैं.
” मैंने कोहका ग्राम निवासीरमेश ढीमर, गाय मालिक रिश्तेदार के यहां से एक बछिया ली थी. अब बड़ी होकर विगत दो वर्षों से डूंडा सिवनी के मृतकों घर जाने, शवयात्रा में शामिल होने जैसे अनोखे आचरण दिखा रही है.
गत 10 जून को श्याम तिवारी के अंतिम संस्कार के दौरान भी गाय पूरे समय उपस्थित रही. पूर्व में क्षेत्र के अन्य मृतकों के प्रति भी गाय का ऐसा ही क्रियाकलाप रहा..
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