मोहन शर्मा SJ न्यूज़ एमपी
पिछले 10 सालो में 7 बड़े रेल हादसे हुए हैं। ओडिशा हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं।
भारत में 2012 के बाद हुए ये भीषण रेल हादसे
पिछले 10 सालो में 7 बड़े रेल हादसे हुए हैं। ओडिशा हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं।
समय के साथ भारतीय रेल आधुनिक हुई है, लेकिन ओडिशा में हुए हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि क्या सिग्नल खराब होने से यह हादसा हुआ? यदि ऐसा है तो क्या रेलवे अब तक सिग्नल प्रणाली को ही दुरुस्त नहीं कर पाया है। वहीं यह बात भी सही है कि हाल के वर्षों में रेलवे ने तकनीक के इस्तेमाल से हादसों में कमी पाई है।
पिछले 10 साल में हुई बड़ी रेल दुर्घटनाएं
22 मई 2012: हम्पी एक्सप्रेस हादसे में एक मालगाड़ी और हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश में टकरा गई थी। ट्रेन की चार बोगियों के पटरी से उतरने और उनमें से एक में आग लगने के कारण लगभग 25 लोगों की मौत हो गई और लगभग 43 घायल हो गए।
26 मई 2014ः उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए।
20 नवंबर 2016ः इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर में पुखरायां के करीब पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए।
23 अगस्त 2017ः दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के नौ कोच उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम 70 लोग घायल हो गए।
18 अगस्त 2017ः पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर में पटरी से उतर गई, जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई और लगभग 60 अन्य घायल हो गए।
13 जनवरी 2022ः बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार क्षेत्र में पटरी से उतर गए, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए।
2 जून 2023ः ओडिशा में बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से जुड़ी भयानक ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं।
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