भोपाल,मुख्यमंत्री को मप्रश्रजपसं ने सौंपा 21सूत्रीय ज्ञापन..

मोहन शर्मा Sj न्यूज़ एमपी


मध्यप्रदेश सरकार पत्रकार अधिकार हितों के लिए सदैव दृढ़ संकल्पित-मुख्यमंत्री
-भोपाल में निकाली गई श्रमजीवी पत्रकारों की एतिहासिक रैली, गुना के कई पत्रकार भी शामिल
भोपाल/ मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर संगठन का 21 सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भोपाल सचिवालय में 1 मई को ज्ञापन दिया गया ।
मुख्यमंत्री श्रीचौहान ने प्रतिनिधि मंडल की बात गंभीरता से सुनते हुए तथा ज्ञापन पर गंभीरता से ध्यान देते हुए विश्वास दिलाया कि वे इस संबंध में शीघ्र विचार करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार पत्रकार अधिकार हितों में सदैव दृढ़ संकल्पित रही है।
प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व प्रांताध्यक्ष साथी शलभ भदौरिया के निर्देश पर साथी शरद जोशी ने किया।प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ साथी रिजवान अहमद सिद्दीकी, साथी राजकुमार दुबे,साथी मो.अली, साथी सत्यनारायण वैष्णव, महामंत्री साथी सुनील त्रिपाठी, रैली के प्रभारी साथी दिलीपसिंह भदौरिया, साथी अनिल त्रिपाठी, प्रदेश कोषाध्यक्ष साथी शिशुपालसिंह तोमर,सदस्यता छानबीन और अभियान समिति के संयोजक साथी सरलप्रताप सिंह भदौरिया,भोपाल जिला अध्यक्ष साथी अर्पित सिंह सिकरवार सहित महिला प्रतिनिधि भी शामिल थे ।
प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों की श्रद्धानिधि योजना स्वीकृत करने,अधिमान्यता का कार्यकाल दो वर्ष का करने,अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों के लिए दुर्घटना बीमा योजना लागू करने, संभागीय स्तर पर अधिमान्यता गठित करने,राज्य मार्गों के टोल नाकों पर अधिमान्य पत्रकारों को छूट देने की संगठन की मांग पर आभार माना। साथ ही उन्हें 21 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में पत्रकार सूरक्षा कानून लागू करने की मांग की गई। विगत कई वर्षों से संघ पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग करता आ रहा है। उसके लिए पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया गया, जिसके तहत प्रदेश स्तर पर कुल 10 हजार पोस्ट कार्ड प्रधानमंत्री को भी भेजे । जबकि हमारे पड़ोसी राज्य की छत्तीसगढ़ इकाई की मांग पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सुरक्षा कानून बनाकर श्रमजीवी पत्रकारों के पक्ष में घोषणा की है।
(2) पत्रकार भवन भोपाल की भूमि वापस श्रमजीवी पत्रकार संघ को सौंपी जाए।
(3) श्रम विभाग के सहयोग से कमेटियां बने।
(4) संभाग व जिला स्तर पर श्रमजीवी पत्रकार प्रकोष्ठ बनाए जाएं ताकि श्रमजीवी पत्रकार के उत्पीडन के मामलों की समीक्षा की जा सके,तत्पश्चात ही उत्पीडऩ के मामलों को सीआईडी जांच के लिए सौंपा जाए। इसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, सक्षम पुलिस अधिकारियों को शामिल किया जाए ताकि श्रमजीवी पत्रकारों को अपने कर्तव्ह निर्वहन में परेशानी न हो। साथ ही धारा 353 का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए।
(5) आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ पत्रकारों को भी दिया जाए।
(6) श्रमजीवी पत्रकार कल्याण आयोग का गठन हो।
7) जनसंपर्क विभाग से जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के साथ भेदभाव बंद कर समान नीति बनाई जाए।
(8) तहसील स्तर पर सूचना सहायक नियुक्त किए जाए।
(9) टोल नाकों पर प्रदेश के सबसे बड़े संगठन मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के कार्ड को मान्यता दी जाए।
(10) समाचार पत्रों तथा पत्रकारों को जीएसटी से मुक्त रखा जाए।
(11) लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की विज्ञापन नीति पर पुन: विचार हो।
(12) कतिपय पत्रकार संगठनों द्वारा किए जा रहे अधिमान्य शब्द का दुरूपयोग रोका जाए।
(13) श्रद्धानिधि जीवन्त पर्यन्त मिले। श्रद्धानिधि नियम के परिपत्र क्रमांक 1 को हटाया जाए ताकि श्रमजीवी पत्रकारों को जीवनभर जब से सम्मान निधि प्रारंभ हुई मिल सके ताकि वह अपनी जीवन यापन सम्मानपूर्वक कर सके।
(14) डेस्ट पर कार्य कर रहे श्रमजीवी पत्रकारों को अधिमान्यता दी जाए। वर्तमान में समाचार पत्र कार्यालयों संपादकीय विभाग में कार्य करने वाले श्रमजीवी पत्रकारों को अधिमान्यता नहीं दी जा रही है, जबकि वह श्रमजीवी पत्रकार कानून की परिधि में आते है। श्रमजीवी पत्रकारों को भी अधिमान्यता दी जाए। साथ ही इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को भी अधिमान्यता दी जाए।
(15) जनसंपर्क कार्यालयों में स्टाफ की कमी को दूर किया जाए तथा जिला स्तर पर जनसंपर्क कार्यालयों में दो जनसंपर्क अधिकारी तैैनात हो।
(16) शासकीय आवास आवंटन का हर वर्ष रिनुवल का नियम हटा कर समय सीमा रहित आवंटन किया जाय ।
(17) पत्रकारों के लिए चिकित्सा कार्ड बनाए जाए, पत्रकार गैर-पत्रकारों के लिए तहसील स्तर के स्वास्थ्य केेंद्रों पर उपचार की व्यवस्था नहीं के बराबर है, जिला चिकित्सालय में भी यही हालत है। सभी प्रकार के उपचार के लिए पत्रकारों तथा गैर पत्रकारों के चिकित्सा कार्ड बनाए जाए, ताकि उन्हें नि:शुल्क उपचार, दवाईयां और जांच सुविधा मिल सके। पत्रकारों के परिवारों को भी चिकित्सा सुविधा मिले यह प्रबंध शासन द्वारा किया जाए।
(18) भंग अधिमान्य समितियां का गठन शीघ्र हो।
(19) पत्रकारों को कम ब्याज पर ऋण मिले।
(20) सरकारी नौकरियों में पत्रकारों के बच्चों को भी आरक्षण दिया जाए।
(21) प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर श्रमजीवी पत्रकार भवन बनाने के लिए शासन स्तर पर भूखण्ड आवंटित किए जाए।
ज्ञापन में मुख्य मंत्री सेे आग्रह किया कि वे हमारे ज्ञापन पर गंभीरता से विचार कर श्रमजीवी पत्रकार जगत के हित में शीघ्र ही निर्णय लेने का कष्ट करें ।
एतिहासिक रैली निकाली गई
मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर भोपाल में विशाल रैली प्रांताध्यक्ष साथी शलभ भदौरिया के नेतृत्व में निकाली गई। रैली राजधानी के न्यू मार्केट स्थित समन्वय भवन सेे निकली जो विभिन्न मार्गों से होती हुई पुन: समन्वय भवन पहुंच कर समाप्त हुई। रैली में प्रदेशभर से करीब 2 हजार से अधिक पत्रकार साथी शामिल हुए।
रैली के पूर्व सम्मेलन में प्रांताध्यक्ष साथी शलभ भदौरिया ने कहा कि 1 मई को संगठन द्वारा प्रतिवर्ष अपनी मांगों को लेकर मजदूर
दिवस मनाया जाता है। कोरोना काल में यह आयोजन संभव नहीं हो पाया। अब इस वर्ष भोपाल में यह रैली का आयोजन हो रहा है जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी एकता का परिचय दिया है,जो स्वागत योग्य है। हमने पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार कल्याण आयोग सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार की ध्यान आकर्षित किया है। जो मांगें लंबित है उस पर सरकार शीघ्र ही ध्यान दे।
साथी भदौरिया ने संगठन की मजबूती के लिए सदस्य साथियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने जिलों में जिला सम्मेलन आयोजन करें ताकि संगठन को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। साथी शरद जोशी ने 21 सूत्रीय ज्ञापन का वाचन किया । रिजवान अहमद सिद्दीकी,मो.अली, राजकुमार दुबे ने भी संगठन के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर रैली आयोजन समिति के प्रभारी साथी दिलीपसिंह भदौरिया,साथी सरल भदौरिया, साथी सत्यनारायण वैष्णव, भोपाल जिला इकाई के अध्यक्ष साथी अर्पितसिंह सिकरवार का प्रदेश इकाई की ओर से अभिनंदन किया गया। प्रारंभ में मचासीन पदाधिकारियों ने सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की।

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