प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी पहचान रखने वाले बड़े व प्रगतिशील कृषक सदाशिव मराठे ने अपने खेत पर ड्रैगन फ्रूट के करीब 200 से अधिक पौधों के साथ इस नई खेती की शुरुआत की। श्री मराठे का कहना है कि आरंभिक तौर पर इस नई खेती को लेकर उन्होंने जानकारी जुटाना शुरू की जानकारी के आधार पर ही इसकी कृषि प्रारंभ की।
आकर्षक रंग व ड्रैगन की तरह दिखाई देने के कारण इस ड्रैगन फ्रूट कहा जाता है ।इसका हिंदी नाम पितया व स्ट्राबेरी नाशपाती है वह इसका वैज्ञानिक नाम हिमोकेरस कैक्टस है इसे होनोलुलु रानी के नाम से भी जाना जाता है।
ड्रैगन फ्रूट में औषधीय गुण, खनिज ,विटामिन का स्रोत है।
इसके औषधीय गुनो के कारण इसकी बाजार में मांग बहुत अधिक है।
प्रगतिशील कृषक सदाशिव मराठे ड्रैगन फल की खेती कर किसानों को संदेश दे रहे हैं की आधुनिक खेती को परंपरागत जैविक खेती के साथ जोड़कर करने पर किस को फायदा हीफ़ायदा है,
कृषि करने के तरीकों में बदलाव से किसानों के जीवन मे बदलाव होता ही है
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