अपने पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने मनाया उत्साह के साथ करवा चौथ पर्व,करवा चौथ पर्व को लेकर बाजार में दिन भर रही रौनक,
खंडवा ।। अनेकता में एकता यही है हमारे भारत देश की विशेषता अलग-अलग रूपों में हमारे यहां हर त्यौहार उत्सव के साथ धर्म और संस्कृति के अनुरूप मनाए जाते हैं करवा चौथ महिलाओं का एक प्रमुख त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी कर्क चतुर्थी को मनाया जाता है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि इस पर्व पर सुहागिन स्त्रियाँ पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं और शाम को चंद्रमा दर्शन के उपरांत अपने पति के दर्शन एवं जल ग्रहण करवा कर भोजन करती हैं, रविवार को कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी करवा चौथ का पर्व खंडवा में भी उत्साह के साथ धर्म और संस्कृति के अनुरूप मनाया गया, दिन भर घंटाघर चौक पर महिलाओं ने पर्व को लेकर पूजन सामग्री खरीदी एवं शाम को देव दर्शन के पश्चात अपने पति को तिलक लगाकर आरती उतार कर उन्हें जल ग्रहण करवाया, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि जिला मुख्यालय खंडवा में ट्रैफिक एसडीओ आनंद सोनी और उनकी धर्मपत्नी साइबर सेल प्रभारी गायत्री सोनी ने दिनभर अपनी ड्यूटी के पश्चात रात्रि में करवा चौथ का पर्व मनाया, गायत्री सोनी ने अपने पति आनंद सोनी को तिलक लगाकर आरती उतार कर जल ग्रहण करवाया, करवा चौथ की रात्रि को जिसमें चंद्रमा अलग रूप में दिखता है, करवा चौथ पर महिलाएं प्रातः स्नान करके, हाथों पर महंदी लगाकर अपने पति की आयु, आरोग्य व सौभाग्य के लिए महिलाएं चंद्रोदय तक निराहार रहती हैं, करवा चौथ, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, करवा चौथ का मतलब है ‘करवा’ यानी मिट्टी का बर्तन और ‘चौथ’ यानी चतुर्थी. इस दिन मिट्टी के करवे का विशेष महत्व होता है. इस दिन महिलाएं दिनभर बिना पानी पिए और भोजन किए व्रत रखती हैं. शाम को चंद्रमा दर्शन के बाद भोजन किया जाता है. पूजा में मिट्टी या धातु का करवा और दीपक का विशेष महत्व होता है.करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं,करवा चौथ से जुड़ी कथा महाभारत से जुड़ी है. कहा जाता है कि द्रौपदी ने भी यह व्रत रखा था,
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