राजगढ़ नगर परिषद ने खरीदे 16 लाख 95 हजार में पाॅंच जुगाड़ू ई-रिक्शा, पुराने को नया ई-रिक्शा बनाते धरदबोचा पार्षदों ने एसडीएम ने पंचनामा बनाकर दिये कार्यवाही के निर्देश 

सरदारपुर से कमल सीरवी की खबर

राजगढ़ नगर परिषद ने खरीदे 16 लाख 95 हजार में पाॅंच जुगाड़ू ई-रिक्शा, पुराने को नया ई-रिक्शा बनाते धरदबोचा पार्षदों ने एसडीएम ने पंचनामा बनाकर दिये कार्यवाही के निर्देश

साधारण सम्मेलन में पार्षदों के हंगामे बाद भी नहीं थमी मनमानी

   नगर परिषद राजगढ़ भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है कभी यहां से भंगार सामग्री गायब हो जाती है तो 20 रूपये कि सामग्री के 100-150 रूपये तक के बिलों का भुगतान कर दिया जाता है तो कभी ऐलम व कैथोलिक पावडर के बिल बाजार मुल्य से कई अधिक राशी के लगाकर भुगतान कर दिये जाते हैं और अब दशहरा पर्व के आते ही रावण पुतले के बनने से पहले ही धांधली कि आशंकाओं के साथ अनियमितताओं के आरोप पार्षदगण लगाने लगे हैं। वहीं बाजार मुल्य से अधिक मुल्य पर नगर परिषद राजगढ़ द्वारा खरीदे गये 5 ई-रिक्शा भ्रष्टाचार को खुल्लेआम प्रदर्शित कर रहे हैं।

      दरअसल पार्षद रमेश परमार, पंकज बारोड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर परिषद ने परिषद कि बैठक व मंजूरी के पहले ही मैला मैदान स्थित पानी कि टंकी के निचे रावण का पुतला बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया और महज़ औपचारिकता को निभाने के लिये साधारण व्यापक सम्मेलन आयोजित किया जिसके सुचना पत्र में इस सम्मेलन का आयोजन सभा कक्ष में रखा जाना दर्शाया जबकि अध्यक्ष कक्ष में ही इस औपचारिक रूपी सम्मेलन को पुरा किया गया। इस सम्मेलन में पार्षद अजय जायसवाल, सन्नी सिसोदिया, निलेश सोनी, रमेश परमार, पंकज बारोड़ ने नगर परिषद में चल रही धांधली का खुलकर विरोध व्यक्त किया पार्षदो का कहना है कि सीएमओ आरती गरवाल का अनियमितताओं का विरोध नहीं करना भ्रष्टाचार को मौन स्वीकृति देने से कम नहीं है।

      बैठक में रावण दहन स्वीकृति पर विचार एवं निर्णय के पहले से ही रावण दहन हेतु पुतला तैयार करना तो बहुत छोटी अनियमितता है लेकिन पुराने ई-रिक्शा को नये ई-रिक्शा के बाजार मुल्य से भी अधिक मुल्य में खरीदना, मैला मैदान स्थित पानी टंकी वाले स्टोर रूम के बाहर रिपेरींग व पुरानी रिक्शा बाॅडी को बदलकर नई रिक्शा बाॅडी चढ़ाना और इस दौरान सीएमओ आरती गरवाल को पार्षद रमेश परमार सहीत मौके पर मौजूद पार्षदो के सुचना देने पर भी नहीं पहुंचना किसी प्रमाण से कम नहीं कि सीएमओ आरती गरवाल भ्रष्टाचार को खुल्लेआम संरक्षण प्रदान कर रही है। आपको बता दें कि जो 5 जुगाड़ू ई-रिक्शा नगर परिषद राजगढ़ द्वारा क्रय किये गये है उनका मुल्यांन करवाया जाये तो वे एक से डेढ़ लाख रूपये मात्र के है जबकि परिषद ने ये जुगाड़ू ई-रिक्शा 3 लाख 39 हजार रुपए प्रति ई-रिक्शा कि दर से क्रय किये है। इस प्रकार इन पाॅचो ई-रिक्शा (जुगाड़) कि कुल किमत 16 लाख 95 हजार रुपए है जो सीधे तौर पर अमानत में खयानत करने का कृत्य है और सरकारी खजाने में सेन्धमारी की कोशिश है।

     इस पुरे मामले को लेकर जब हमने सीएमओ आरती गरवाल के मोबाईल नम्बर 6261074804 पर हमारे पत्रकार साथी शैलेंद्र पवार के नम्बर 9584921021 से तीन तीन बार काल कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने काल रिसीव करना उचित नहीं समझा। जनता के सेवक ही ऐसे भ्रष्टाचार को संरक्षण प्रदान करने लगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के विकास कि तस्वीर कैसी होगी। आपको बता दें कि इन पाॅंचो ई-रिक्शा कि बाॅडी पर अलग से स्प्रे कलर, रफू व स्क्रेच स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इधर परिषद कि बैठक में पार्षदों को शासन स्तर से ई-रिक्शा खरीदने के निर्देश होने कि मौखिक जानकारी दी गई लेकिन शासन से प्राप्त ऐसे कोई आदेश पत्र नहीं दिखाये गये है जिसमें स्वच्छता वाहन के लिये इलेक्ट्रीक वाहन ही खरीदना अनिवार्य हो।

     इधर इस पुरे मामले कि जानकारी हमारे द्वारा नवागत एसडीएम आशा परमार को दी गई तो कहा गया कि आपसे हमें सुचना प्राप्त हुई है मामले को दिखवाते जिस पर उन्होंने तुरन्त तहसीलदार मुकेश बामनिया को मौके पर पहुंचाकर सुचना कि पुष्टि की और फिर स्वयं एसडीएम आशा परमार ने भी मौका पर पहुंचकर पंचनामा रिपोर्ट बनवाकर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।    अब देखना ये होगा कि नवागत एसडीएम आशा परमार

ने मौके पर पहुंचकर कार्यवाही के निर्देश देकर अपनी अच्छी कार्यप्रणाली का परीचय तो दिया है लेकिन अब दोषियों पर किस प्रकार कि कार्यवाही हो पायेगी ये तो वक्त ही बतायेगा।

सरदारपुर धार से कमल सीरवी की रिपोर्ट

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