2 अक्टूबर को गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षको पर लाइट बंद करके हुआ लाठीचार्ज

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2 अक्टूबर को गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षको पर लाइट बंद करके हुआ लाठीचार्ज

भोपाल में 2 अक्टूबर के दिन अपनी नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षको पर पुलिस द्वारा बड़ी बर्बरता पूर्वक हमला कर दिया गया

अतिथि शिक्षको द्वारा बताया गया की उनके द्वारा गांधी जयंती के दिन गांधी वादी तरीके से तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी जैसे ही वह अंबेडकर पार्क से बाहर निकले तो पुलिस ने सेकंड स्टाप पर उन्हें रोक लिया जिसके बाद कई हजारों की संख्या में उपस्थित अतिथि शिक्षक चिलचिलाती धूप में रोड पर बैठ गए जिसमे कई शिक्षक तो बेहोश हो गए थे।

प्रशासन से बात चीत के बाद भी उन्हें वहा से बड़ने नही दिया गया साथ ही पुलिस द्वारा एक बैनर लगा दिया जिसने लिखा की बलवाइयों आपका मजमा गैर कानूनी है आप तितर बितर हो जाइए नही तो कारगर गोली चलाई जाएगी इसके बाद भी अतिथि शिक्षक शांति पूर्ण तरीके से शाम तक वहा डटे रहे जैसे शाम हुई तो सभी अतिथि शिक्षको ने अंबेडकर पार्क में डेरा डाल लिया और अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए थे परंतु जैसे ही रात के 8 बजे तो पुलिस द्वारा पार्क की लाईट बन्द करके उन पर लाठी चार्ज कर दिया जिससे अतिथि शिक्षक भागने लगे उनके पीछे पुलिस भी लगी रही। जिस समय पुलिस ने लाठी चार्ज किया उस समय अतिथि शिक्षक सुंदरकांड का पाठ कर रहे थे।

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की लाठी चार्ज में अनेकों अतिथि शिक्षिकाए ओर शिक्षक घायल हुए है।

आपको बता दे की लगभग 15 वर्षो से अल्प मानदेय में शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहे अतिथि शिक्षक नियमितीकरण की मांग कर रहे है साथ ही इन्हें समय समय पर सरकारों ने नियमित करने की बात कही है पिछले साल 2 सितंबर को उस समय के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनकी महापंचायत का आयोजन कर इनकी बिभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने की बात कही थी साथ ही उन्होंने कहा था की सीधी भर्ती में उन्हें 50% आरक्षण दिया जाएगा साथ ही उन्हें बौनस अंक दिए जायेंगे और उनका पूरे साल का अनुबंध रहेगा तथा वेतन भी दोगुना किया जायेगा जिसमे वेतन तो विभाग ने बड़ा दिया परंतु सभी आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिए जिससे अतिथि शिक्षको आक्रोश है

जिसका कोई भविष्य नही वह बच्चो का भविष्य कैसे बनाए

अतिथि शिक्षको ने कहा वह लगातार पंद्रह वर्षों से सेवाएं दे रहे है परंतु उनकी नौकरी पर हमेशा तलवार लटकी रहती है कब कोई टीचर आ जाए और वह बेरोजगार हो जाए जिससे स्पष्ट होता है की जिसका स्वयं का कोई भविष्य नही वह बच्चो का भविष्य नही वह बच्चो का भविष्य कैसे निर्माण कर सकता है।

आर्थिक तंगी का भी कर रहे है सामना

अतिथि शिक्षक को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है शासन के निर्देश के बाबजूद इन्हे समय पर वेतन नही मिलता जिससे इन्हे अपने परिवार चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज के महंगाई के दौर में अतिथि शिक्षक अपने मां बाप भाई बहन बच्चो के भरण पोषण करने में असमर्थ है जब तक इनकी सैलरी आती है तब तक वह उससे ज्यादा कर्ज में डूब जाते है।

पंद्रह वर्षों से दे रहे सेवाए, अब बीच रास्ते में कहा जाए

ये कहावत अतिथि शिक्षको पर फिट हो रही है धोबी का कुत्ता, घर का न घाट का क्योंकि अतिथि शिक्षक पंद्रह वर्षों से स्कूलों में सेवाए दे रहे है उनकी समाज में मासाब के छबि है ऐसे में जब बो बेरोजगार होते है तो वह किसी काम के भी नही बचते क्योंकि उन पर कोई अन्य कार्य होता ही नही और अगर वह मजदूरी करे तो लोग बाग पूछते है की मासाब आप जिससे उन्हें रोजगार को लेकर काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

अतिथि शिक्षको की अपील

अतिथि शिक्षको ने सरकार से अपील की है हमने अपना कीमती समय स्कूलों में दिया है जिसका हमे परितोषक मिलना ही चाहिए चाहे तो आप कोई भी इम्तहान ले लो मगर हमे बीच मझधार में न छोड़े हम भी प्रदेश के बच्चे है। साथ हि अतिथि शिक्षको ने कहा की बेशक मेरा वेतन और कम कर दो में कम वेतन में भी काम कर लूंगा परंतु भविष्य सुरक्षित कर दो ताकि हम निर्भय होकर अध्यापन कार्य करा सके।

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