बड़वाह नगर की कॉलोनियों में भी गूंज रहें हैं संजा गीत।
निमाड़ी परंपराओं और सांस्कृतिक सुगंध समेटे ‘संजा’ पर्व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहर की कॉलोनियों में भी उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है।
शाम होते ही नन्हीं बालिकाओं की मधुर आवाज में गूंजते संजा माता के गीत बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहें हैं।
सुराणा नगर में भी बालिका उत्तरा एवं हिमांशी मालाकार द्वारा विगत छः वर्षों से गाय के गोबर से संजा माता बनाकर, सहेलियों के साथ पूजन किया जा रहा है।
कॉलोनी में इस वर्ष श्रीमती अर्चना मालाकार, श्रीमती शालिनी केशरे एवं श्रीमती रानू सोहनी के घरों में संजा माता बनाई गई है।
मंगलवार बालिकाओं के साथ – साथ कॉलोनी की महिलाऐं भी उपस्थित हुई। सभी ने संजा माता के गीत गाकर, माता को रिझाते हुए, अपने बचपन के दिनों को याद किया।
श्रीमती अर्चना मालाकार ने बताया — संजा पर्व का धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व तो है ही साथ ही ये पर्व बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता, भाषण कौशल, आपसी सहयोग, गौ माता एवं प्रकृति का महत्व समझने जैसे गुणों को विकसित करता है तथा बच्चों को मोबाइल/टीवी से दूर रखने में सहायक भी है। अत: बच्चों को हमारे लोकपर्व मनाने हेतु सभी माताएं प्रोत्साहित करें।
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