*सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया।
आलीराजपूर,, सरस्वती शिशू मंदिर स्कूल मे आज जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया।सर्वप्रथम वरिष्ठ दीदी दीपज्योति बिल्लौरे ने अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।*
अतिथियों का स्वागत शेफाली परिहार एवं साक्षी राठौड़ ने किया।*
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि यामिनी केतन सोनी ने भगवान कृष्ण के जीवन पर बाल रूप के प्रसंग सुनाये व उनके जीवन से सीखना चाहिए बताया।
कार्यक्रम की अध्क्षता प्रतिक राठौड़ ने भगवान कृष्ण के योग दर्शन व गीता के उपदेशों को उद्धृत करते हुवे अपने संबोधन में कहा कि साम, दाम, दण्ड, भेद सभी नीति से धर्म स्थापना की जा सकती है। अधर्म पर धर्म की जीत हो इस हेतु महाभारत में अर्जुन को युद्ध भूमि में ही गीता का उपदेश दिया जो आज भी सनातन संस्कृति में सार्थक है
विद्यालय में राधा कृष्ण स्वरूप प्रतियोगिता रखी ग ई जिसमे बच्चो ने भाग लेकर अपने अपने भजनो पर प्रस्तुति दी जैसा की माखन का कटोरा , मिश्री की थाल , मिट्टी की खुशबु , बारिश की फुहार ,
राधा की उम्मीद , कन्हैया का प्यार ,
गीत व नारे आपकी की पालकी लगाये गये।
विद्यालय के 40 नन्हें – मुन्ने भैया-बहिन राधा- कृष्ण स्वरूप प्रतियोगिता के लिए नटखट कान्हा जी एवं प्यारी राधा रानी,,मैय्या यशोदा बनकर आए।बच्चो के द्वारा बहुत ही शानदार नृत्य प्रस्तुत किया गया।*
प्रत्येक भैया- बहिन जो राधा कृष्णा जी का स्वरूप बनकर आए सभी अतिथियों के द्वारा उनको सिल्ड,मैडल एवं प्रमाण-पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
अत मे बालकृष्ण रूप मे बच्चो ने के द्वारा मटकी फोड़ी गई और मुरली मनोहर जी की आरती की गई।*
कार्यक्रम का संचालन मोनिका डावर,, कार्यक्रम के निर्णायक कुसुम कौरसिया एवं सुषमा मिश्रा रही जिन्होने अपना निर्णय दिया । अतिथियों का आभार व्यक्त निशा शिंदे ने किया।
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