आफत भरी बारिश:भारी बारिश के कारण सिलवानी जनपद पंचायत के मेहका गांव में तालाब की पार फूटी बाढ़ आने से किसानों की फसलें बर्बाद,ग्रामीणों ने लगाए सरपंच पर घटिया तालाब घटिया मरम्मत पिचिंग कराने के आरोप
आफत भरी बारिश:भारी बारिश के कारण सिलवानी जनपद पंचायत के मेहका गांव में तालाब की पार फूटी बाढ़ आने से किसानों की फसलें बर्बाद,ग्रामीणों ने लगाए सरपंच पर घटिया तालाब घटिया मरम्मत पिचिंग कराने के आरोप
रायसेन। जिले की सिलवानी जनपद की ग्राम पंचायत आमापानी खुर्द के गांव मेहका में बना घटिया तालाब निर्माण पार पिचिंग की वजह से भारी बारिश के कारण बह गया।तालाब में लबालब पानी भरे होने आफत बनकर टूट पड़ी।जिससे किसानों की खरीफ की धान सहित अन्य फसलें और संपत्ति बर्बाद हो गई। यह तालाब हाल ही में ग्राम पंचायत द्वारा पार की पिचिंग और मरम्मत कराई गई थी। लेकिन मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण यह तालाब फूट गया।
छलका किसानों का दर्द ….
मेहका में तालाब फूटने से किसानों का दर्द छलक पड़ा।किसान मुकेश आदिवासी, नन्हें भैय्या मनोज साहू सियरमउ ने बताया कि महका का तालाब सरपंच सचिव ने घटिया निर्माण कराया था। जिससे उनकी धान सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई। पानी के तेज बहाव में मोटर पाइप बह गए हैं।तालाब के निचले क्षेत्र के बने खेतों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। कई किसानों ने बताया कि उनकी सिंचाई की मोटरें भी बाढ़ में बह गईं। एक किसान का कुआं, जो तालाब के नीचे ही बना था, वह भी धंस गया। इस स्थिति ने किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, और वे अपनी फसलों और संपत्तियों को लेकर बेहद चिंतित हैं। ग्रामीणों ने तालाब मरम्मत में सही से पिचिंग नही होने का आरोप भी लगाया है।उन्होने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से मामले की जांच कर उनके नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि दिलाए जाने की गुहार लगायी है।
जब इस मामले में सरपंच से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि तालाब की मरम्मत श्रमदान से की गई थी। उन्होंने कहा कि अत्यधिक वर्षा के कारण तालाब की पार फूट गई है।हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि सही मरम्मत और निर्माण कार्य से इस समस्या से बचा जा सकता था।ग्रामवासियों और किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की जांच की जाए और उन्हें उनके नुकसान की भरपाई की जाए और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।
मेहका में तालाब फूटने की
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि बुनियादी ढांचे के निर्माण और मरम्मत में गुणवत्ता की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। घटिया निर्माण कार्य न केवल संपत्ति का नुकसान करता है, बल्कि लोगों की आजीविका साधन और जीवन को भी खतरे में डालता है। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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