सीएम के आदेश के बाद सख्ती: आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कलेक्टर और सीएमएचओ को दिए कार्रवाई के निर्देश,अगर बगैर मान्यता प्राप्त संस्था से डिग्री लिए इलाज करता पकड़ा गया तो होगी तीन साल की जेल
सीएम के आदेश के बाद सख्ती: आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कलेक्टर और सीएमएचओ को दिए कार्रवाई के निर्देश,अगर बगैर मान्यता प्राप्त संस्था से डिग्री लिए इलाज करता पकड़ा गया तो होगी तीन साल की जेल
रायसेन. बगैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकीय संस्था से डिग्री लेकर अपने आपको डॉक्टर लिखकर इलाज करता मिला तो उसके पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और पचास हजार रुपए का जुर्माना होगा। इस आशय की जानकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त ने कलेक्टर अरविंद दुबे और सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री को भेजे एक पत्र में दी। रायसेन जिले में साढे पांच सौ से अधिक झोलाछाप डॉक्टर गांव कस्बों और तहसील क्षेत्रों में अपनी दुकान चलाकर मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने को कहा गया है। इस अभियान से फिलहाल झोलाछाप डॉक्टरों की शामत आ सकती है।
रायसेन में किसी भी गली-मोहल्ले या गांव में चले जाएं तो आपको वहां बगैर बोर्ड लगाए झोलाछाप ,चांदसी अस्पताल के बंगाली डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों का इलाज करते मिल जाएंगे। नियम के अनुसार इनको सीएमएचओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। लेकिन झोला छाप डॉक्टर रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहे हैं। रायसेन शहर में गंजबाजार के पास ही तीन झोला छाप डॉक्टर दुकान खोले हुए हैं।नकतरा सिरसौदा नरवर गढ़ी देवनगर सेहतगंज में दो दर्जन से अधिक झोला छाप डॉक्टरों की दुकानें खुली हुई हैं। जो इलाज कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते मिल जाएंगे, और पैसा भी अनाप-शनाप इलाज के नाम पर लेते दिखाई दे सकते हैं।
ये केवल लिख सकते हैं डॉक्टर: आयुक्त के आदेश के अनुसार डॉक्टर अभिधान का उस व्यक्ति के नाम के साथ उपयोग किया जा सकेगा जो कोई मान्यता प्राप्त चिकित्सकीय अर्हता धारित करता हो और तत्समय प्रवृत्त विधि द्वारा स्थापित किसी बोर्ड या परिषद या किसी अन्य संस्था में चिकित्सा व्यवसायी के रूप में रजिस्ट्रीकृत है तथा अन्य कोई व्यक्ति अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लिख सकते।
आयुर्वेद की डिग्री से एलोपैथिक दवाओं से कर रहे इलाज….
बताया जाता है कि कतिपय इन झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणजन इन्हें डॉक्टर साहब कहकर पुकारते हैं।इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बाकायदा क्लीनिक खोलकर बजाय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के इलाज के एलोपैथिक दवाईयों के डोज मरीजों का कैंसर लकवा बवासीर सहितअन्य घातक बीमारी का इलाज करते नजर आते हैं।इतना ही नहीं इन झोलाछाप द्वारा युवतियों महिलाओं के गर्भपात तक कर रहे हैं।साथ ही गर्भ को रोकने की प्रतिबंधित दवाइयां तक बेचते हैं।
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