जिला कलेक्टर अरविंद दुबे के आदेश के बाद पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य अमला सक्रिय हो गया है और उन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है
लेकिन देखा यह जा रहा है कि कुछ दिनो बाद यह झोला छाप डॉक्टर फिर अपनी क्लीनिक खोलकर बैठ जाते हैं
सीएमएचओ दिनेश खत्री का कहना यह है कि लगातार यह कार्यवाही की जाएगी
उधर नागरिकों का कहना यह है कि यह सिर्फ एक दिखावटी की कार्रवाई होती है
कुछ दिनों बाद मामला सब टाय टाय फिस्स्स हो जाता है
क्योंकि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य अमला सक्रिय नहीं है इसलिए यह झोला छाप डॉक्टर वहां लगातार लोगों का इलाज कर रहे हैं कई बार ऐसी घटनाएं भी होती है कि इनके द्वारा किए गए इलाज से मरीजों की मौत भी हो जाती है कुछ दिन हंगामा मचता है इसके बाद सब कुछ वैसा ही चलता रहता है अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है कार्यवाही कितनी कारगर साबित होती है
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