महिला एवं बाल विकास विभाग का सराहनीय प्रयास कलेक्टर श्री शर्मा ने आंगनबाड़ी केंद्रों का किया कायाकल्प
कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा के मार्गदर्शन में विगत एक वर्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले में अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर विभागीय योजना में उपलब्धि तो पायी ही है, साथ ही कलेक्टर श्री शर्मा ने निजी रूचि लेते हुये आंगनबाड़ियों को आदर्श आंगनवाड़ी में तब्दील कर समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई है। आंगनबाड़ियों को आकर्षक रंग रोगन कर बच्चों को रुचि उत्पन्न हो एवं रोज उपस्थित हो ऐसा उत्कृष्ट कार्य किया है। दीवारों पर कार्टून जानवरों के आकर्षक चित्र बच्चों को खेलने हेतु खिलौने आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जो प्राइवेट नर्सरी से भी अच्छी है।उक्त सुविधाओं हेतु दानदाताओं का भी सहयोग प्राप्त हुआ है।
कुपोषण निवारण के लिए चलाया अभियान
विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती भारती आवास्या एवं सहायक संचालक श्रीमती मोनिका बघेल ने बताया कि कलेक्टर श्री शर्मा के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले एवं अन्य बच्चों की स्वास्थ्य भोजन पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सुपरवाइजर द्वारा सर्वे के माध्यम से प्रत्येक बच्चे पर सतत नजर रखी जाकर ग्रह भेंट कार्यक्रम में घर-घर भोजन पानी की स्वच्छता सफाई एवं उन्हें समझाइए दी जाती है। साथ ही कुपोषित बच्चों को चिन्हाकित कर उन्हें अतिरिक्त पोषण आहार दिया जाता है। जिले में कुल 1281 बच्चे चिन्हाकित हुए थे जिनमें से 775 बच्चों को उपचार एवं उचित पोषण से नॉर्मल हो गए हैं। शेष 173 बच्चों की ग्रेडिंग में सुधार आया है। कुल 948 बच्चों की ग्रेडिंग परिवर्तित हो गई है।
पोषण वाटिकामें लगाई हरी सब्जियां
जिले में बच्चों को आंगनबाड़ियों में ताजी एवं हरी सब्जियां उपलब्ध हो इसके लिए जिन आंगनबाड़ियों में जगह उपलब्ध हैं वहां हरी सब्जियों को उंगाने हेतु पोषण वाटिका की स्थापना की गई है। जिले में 294 पोषण वाटिकाये बनाई गई है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में पाया शत प्रतिशत लक्ष्य
शासन की महत्ती योजना जिसमें समस्त बालिकाओं को लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ दियाजाता है। इस वर्ष लगभग 07 हजार 500 बालिकाओं की प्रस्ताव प्राप्त हुए थे जो स्वीकृत किए जा चुके हैं।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत भी प्रथम एवं द्वितीय प्रसव पर 79% हितग्राहियों को राशि प्रदान की जा चुकी है। साथ ही सर्वे द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की समय-समय पर जांच कर आयरन एवं अन्य दवाइयां प्रदान की जाती है और उनका पंजीयन किया जाता है जिससे उन्हें संस्थागत प्रस्ताव कराया जा सके।
आदिवासी बाहुल्य खरगोन जिले में कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजन सराहना कर रहे हैं।
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