एलर्ट: सरकारी आंकड़े बताते हैं कि रायसेन में पिछले साल 134 की डूबने से हो चुकी मौतें,नदी व नालों से जरा बचकर, रायसेन में डूबने से हरेक तीन दिन में एक की मौत

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

एलर्ट: सरकारी आंकड़े बताते हैं कि रायसेन में पिछले साल 134 की डूबने से हो चुकी मौतें,नदी व नालों से जरा बचकर, रायसेन में डूबने से हरेक तीन दिन में एक की मौत

सड़क हादसे के बाद डूबकर मरने वाले सबसे ज्यादा

लापरवाही बन रही है जान पर भारी….

रायसेन जिले की नर्मदा नदी में पिछले हफ्ते दो बहनों की जल समाधि बन गई। इस मामले में एक बहन को बचाने दूसरी बहन भी नर्मदा नदी में कूद गई, लेकिन दोनों बाहर नहीं निकल सकी इस तरह की घटनाएं रायसेन में बड़ी बात नहीं है।

इनका कहना है….

नदी नालों और तालाबों में होने वाले अधिकांश मौत लापरवाही से होती है। बिना तैराकी और जानकारी के गहरे पानी में जाना भी एक बड़ी वजह है।डूबना एक गंभीर समस्या है। यह मौत के एकमात्र कारणों में से एक है जो कभी भी या कहीं भी हो सकता है। इससे बचने के लिए जागरूकता ही सबसे ज्यादा प्रभावी कदम है। इसके अलावा तैराकी सीखना और नदी तालाबों में पानी के आस-पास बच्चों पर नज़र रखना आवश्यक है।…कमलेश कुमार खरपुसे एएसपी रायसेन

रायसेन सहित जिलेभर में प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध स्थल है। यहां के निर्झर झरने बारहों महीने लोगों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं। यही नहीं यहां पर बहने वाले नदी, नालों के अलावा तालाबों की संख्या भी अधिक है। रायसेन में मानसून के बाद सभी नदी नाले उफान पर होते हैं जिसके चलते यहां प्राकृतिक हादसों के अलावा डूबकर मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में प्रशासन बरसात में इन जगहों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम करती है ।इसके बावजूद जिले में पिछले वर्ष 134 लोगों की मौत हुई जो पिछले वर्ष से ज्यादा है। वहीं बीते पांच महीनों की बात किया जाय तो यह संख्या 44 तक पहुंच चुकी है। इस प्रकार रायसेन में यह संख्या डराने वाला है ।इसमें कमी लाने और बचाव के साधन उपलब्ध कराने आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है।

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