गैस सिलेण्डर में आग लगने पर उस पर पानी नहीं डाले, बल्कि कम्बल, बोरी या  गीला लपेटे आपातकालीन स्थिति में आगजनी पर काबू पाने पुलिसकर्मियों ने लिया प्रशिक्षण

मोहन शर्मा म्याना की खबर

गैस सिलेण्डर में आग लगने पर उस पर पानी नहीं डाले, बल्कि कम्बल, बोरी या  गीला लपेटे आपातकालीन स्थिति में आगजनी पर काबू पाने पुलिसकर्मियों ने लिया प्रशिक्षण

 आपातकालीन स्थिति में आगजनी पर काबू पाने जिले के पुलिस बल को लाल परेड ग्राउंड पर आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया। दरअसल विगत माह एवं पूर्व में विभिन्न स्थानों पर आगजनी की घटनाओं को दृष्टिगत् रखते हुए एवं भविष्य में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाये जाने के लिये पुलिस मुख्यालय एवं वरिष्ठ आधिकारियों के निर्देशों पर एसपी संजीव कुमार सिंहा द्वारा जिले में पुलिस के सभी शासकीय कार्यालय एवं थाना भवनों आदि में आपातकालीन परिस्थति में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिये आवश्यक उपकरण व फायर फायटिंग सिस्टम उपलब्ध रखने तथा इन उपकरणों का उपयोग करने के लिये जिले के पुलिस फोर्स को प्रशिक्षित किये जाने के निर्देश दिए हैं।

उक्त निर्देशानुसार शुक्रवार को के प्रात: पुलिस परेड ग्राउण्ड पर नगर पालिका में फायर ब्रिगेड की प्रशिक्षित टीम एवं एसडीईआरएफ की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से आपातकालीन स्थिति में आगजनी की घटना पर आग पर काबू पाने के लिये पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया । इस दौरान रक्षित निरीक्षक गुना श्रीमति पूजा उपाध्याय, एसडीईआरएफ दल प्रभारी उपनिरीक्षक नीतू माबई एवं फायर ब्रिगेड टीम द्वारा पुलिस जवानों को प्रशिक्षण देते हुये बताया कि आग तीन चीजों से मिलकर बनती है तापमान, ऑक्सीजन व ईधन । इसलिये जब कभी भी आगजनी की घटना होती है तो हमें तापमान, ऑक्सीजन व ईधन के लेबल को कम करने की कोशिश करना चाहिए।

इस दौरान प्रशिक्षण में बताया गया कि सामान्यत: आग को पांच भागों में बांटा जा सकता है । जिसमें घर, दुकान, ऑफिस में लगने वाली आग, जो फर्नीचर, कपड़े, कागज आदि से लग सकती है। डीजल, पेट्रोल से लगने वाली आग, गैस एलपीजी, सीएनजी से लगने वाली आग, धातु से लगने वाली आग एवं बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग। इस प्रकार अलग-अलग प्रकार की आग लगने पर हमें आग पर किस प्रकार से काबू पाया जा सकता है, इसके लिये बताया कि बंद भवन में आग लगने पर सबसे आग लगने वाले कमरे के सभी दरवाजे, खिडक़ी, रोशनदान आदि बंद कर देना चाहिये, आग से धुंआ उठने पर घर से बाहर निकलने के दौरान खड़े-खड़े बाहर न निकलने की बजाय जमीन पर घिसटते हुए निकलना चाहिए, शरीर में आग लगने पर भागना नहीं चाहिए इससे आग और तेजी पकड़ती है, इसके लिये जमीन पर लेट कर इधर-उधर लुडक़ना चाहिए, जलती हुई वस्तु के चारों ओर निरमा, शेम्पू आदि का झाग बनाकर डालना चाहिए, आग के चारों ओर रेत, मिट्टी, कीचड़, कम्बल आदि का अनावरण बनाना चाहिए। वहीं गैस सिलेण्डर में आग लगने पर उस पर पानी नहीं डालें बल्कि सिलेण्डर के चारों ओर कम्बल, बोरी अथवा अन्य कोई कपड़ा गीला कर लपेट देना चाहिये । इसके साथ ही फायर प्रशिक्षकों द्वारा अलग-अलग प्रकार की आग पर किस तरह से काबू पाया जा सकता है एवं फायर एक्सटिंग्वशर का उपयोग किस तरह किया जाता है, इस संबंध में डेमो देकर बारीकी से प्रशिक्षण दिया गया । इस अवसर पर पुलिस के करीबन 200 अधिकारियों-कर्मचारियों को आपातकालीन स्थिति में आगजनी पर काबू पाने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया एवं आगे भी यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखते हुए शेष सभी पुलिस फोर्स को भी प्रशिक्षित किया जावेगा ।

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