शहर में भगवान बुद्ध पूर्णिमा का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया,पंचशील नगर में दी बौद्धिक सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा अर्चना के साथ आयोजित हुआ भंडारा,
शहर में भगवान बुद्ध पूर्णिमा का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया,पंचशील नगर में दी बौद्धिक सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा अर्चना के साथ आयोजित हुआ भंडारा,
खंडवा।। जो सहज ही प्राप्त हो जाए इसी से जीवन यापन करना चाहिए, अल्प, सुलभ तथा निर्दोष इन तीन बातों का पालन प्रत्येक व्यक्ति ने करना चाहिए, निर्दोष का अर्थ है दोष रहित साधन से, ईमानदारी से परिश्रम से प्राप्त पैसा ही बुद्धि और मन को पवित्र रखता है, ऐसे विचारों को आगे रखकर भगवान बुद्ध ने लोगों को संदेश दिया और जीवन जीने की कला सिखाई, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि अनेकता में एकता यही है हमारे भारत की विशेषता इस देश में हर धर्म को मानने वाले लोग हैं और अपने त्योहारों पर इष्ट देवता के दर्शन पूजा अर्चना कर पुण्य की प्राप्त करते हैं, भगवान बुद्ध सरलता और सादगी की साक्षात मूर्ति थे बुद्धत्व प्राप्ति के बाद उन्होंने संकल्प लिया था कि कम से कम साधनों का उपयोग करेंगे, जीने के लिए 24 घंटे में एक बार सादा भोजन करेंगे, किसी भी वस्तु का संग्रह करना वह अधर्म मानते थे, वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा पूनम के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है, आज पूरे देश में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया गया प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी शहर मैं बुद्ध पूर्णिमा उत्सव मनाया गया, पंचशील नगर सिंगाड तलाई स्थित दी बौद्धिक सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया गया, सुबह से रात्रि तक भगवान बुद्ध के दर्शन, पूजा, अर्चना प्रार्थना के साथ भंडारे का आयोजन भी हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने दर्शन के पश्चात भंडारे में प्रसादी ग्रहण की, बुद्ध पूजा राहुल बाध द्वारा की गई, इस आयोजन आयोजन में संजय तायडे, कमल तायडे, विजय इंगले, सोनू लहासे विकास बोदडे,गौतम साल्वे, जितेंद्र बोदड़े मोहित गाढे, उमेश गाढे, कालू लौंढे, सुनील ससाने, शुभम गाढे सहीत कई कार्यकर्ताओं ने सहयोग प्रदान किया एवं पर्व को उत्साह के साथ मनाया।
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