जब तक आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपका मन मस्तिष्क कैसे स्वस्थ रह सकता है डॉ अरुण जोशी

खंडवा से शेख आसिफ की खबर

जब तक आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपका मन मस्तिष्क कैसे स्वस्थ रह सकता है डॉ अरुण जोशी

आनंद विभाग द्वारा एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला डॉ सी वी रमन विश्व विद्यालय छैगांव माखन में आयोजित लगभग 130प्रतिभागी प्रोसेसर हुए शामिल

खंडवा।। जब तक आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपका मन मस्तिष्क कैसे स्वस्थ रह सकता है।आप स्वयं से प्रश्न करें कि क्या आप जो कर रहे हैं वह सही है। अल्प विराम का मतलब फूरसत में बैठना नहीं है। अपने चेतन मन के साथ बातचीत करना, स्वयं से मुलाकात करना है। उन्होंने आनंद पर 10बिंदुओ के माध्यम से समय का लेखा-जोखा, सामुदायिकता की भावना, संतुष्टि की भावना, स्वेच्छिक,प्रेम, विविधता,समाज को देखने का नजरिया, पर्यावास पर्यावरण में अन्तर, भ्रष्टाचार, काबिलियत, आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक बताते हुए। कहा कि मटेरियल वेल्यू की बात करे तो जिनके घर बड़े होते हैं वे अकेले होते हैं।एक चिड़िया भी उन महलों में प्रवेश नहीं कर सकती। आंतरिक आनंद वह नहीं कि एक महानगरों में 7माले पर करोड़ों के फ्लैट में रह रहा है। आंतरिक आनंद तो एक गांव के खेत पर हजार रूपए की झोपड़ी में रहने पर भी खुश है। यह बात डॉ अरुण जोशी वाईस चांसलर ने अपने संबोधन में कहीं।

मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग द्वारा संचालित गतिविधियां एवं अल्प विराम कार्यक्रम देशभर में आयोजित किए जा रहे हैं।

शुक्रवार 17मई को डॉ सी वी रमन विश्व महाविद्यालय छैगांव माखन में 130प्रतिभागियो के लिए आनंद विभाग द्वारा एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें राज्य आनंद संस्थान के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर के बी मंसारे, जिला संपर्क व्यक्ति एवं मास्टर ट्रेनर गणेश कानड़े, मास्टर ट्रेनर नारायण फरकले, मास्टर ट्रेनर मनीषा पाटिल, एवं आनंदमय सहयोगी पुष्पा अटूट, एवं रमेश चक्रवर्ती ने विभिन्न टुल के माध्यम से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आनंदमय जीवन एवं तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सिखाई।

 कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान आनंद विभाग का परिचय विडियो दिखाया गया। डॉ शहजाद कुरैशी ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जो व्यक्ति के जीवन में आनंदमय जीवन जीने के लिए एवं आंतरिक खुशहाली के लिए कार्यक्रम संचालित कर रहा । मास्टर ट्रेनर गणेश कानड़े ने सी सी डी टुल्स के माध्यम से अपने जीवन में परिवर्तन की स्टोरी शेयर की, मास्टर ट्रेनर नारायण फरकले ने फ्रीडम ग्लास विधि के माध्यम से प्रतीकात्मक, मिर्च जलन का,कील चुभने का, पत्थर कठोरता का, पैसे लालच का, गुटका नशे का प्रतिक के रूप में अपने जीवन से जुड़ी घटनाओं को विस्तार से बताते हुए अल्प विराम की शक्ति से अवगत कराया।और प्रतिदिन अल्प विराम, शांत समय को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर तनाव मुक्त जीवन जीने एवं आनंदित रहने की कला सिखाई। द्वितीय सत्र में गणेश कानड़े ने जीवन का लेखा जोखा विधि के माध्यम से मदद करने वालों को प्रति धन्यवाद, कृतज्ञता व्यक्त करना एवं स्वयं के द्वारा कष्ट दिया गया है तो मांफी मांगना या खत लिखकर शोरी कहना,

कष्ट देने वालों को मांफ करना, के माध्यम से खुद आनंदित रहें और दूसरों के जीवन में भी आनंद का संचार करना बताया। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि अल्पविराम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मास्टर ट्रेनर मनीषा पाटिल एवं पुष्पा अटूट ने भी अपने जीवन में परिवर्तन की स्टोरी शेयर की, रमेश चक्रवर्ती ने शार्ट फिल्म, आनंद संस्थान परिचय ,खत, गुब्बारे,आदि प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया। गुब्बारे फिल्म से सभी के चेहरे खिल उठे एवं अंत में इमोशनल हो गये,

 समापन सत्र में सभी को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन साक्षी बडोले ने किया एवं आभार अम्मार सैफी ने माना।

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