आखातीज के दिन मंदिर में भक्तांबर मंडल विधान की पूजा के साथ गन्ने के रस की प्रसादी का हुआ वितरण,संस्कार शिविर में भाग लेने वाले बच्चों ने किया व्यसनों का त्याग

शेख आसिफ ब्यूरो खण्डवा

आखातीज के दिन मंदिर में भक्तांबर मंडल विधान की पूजा के साथ गन्ने के रस की प्रसादी का हुआ वितरण,संस्कार शिविर में भाग लेने वाले बच्चों ने किया व्यसनों का त्याग,

 संस्कार शिविर से प्रेरित होकर बच्चे कर रहे हैं प्रतिदिन पूजा एवं भगवान का अभिषेक,

खंडवा ।।अक्षय तृतीया वह पावन प्रसंग है जब मुनिराज के रुप मे़ भगवान आदिनाथ का छै माह के उपवास के बाद प्रथम आहार दानवीर श्रावक राजा श्रेयांस ने इक्षुरस गन्ने के रस से कराया था, जगत को असि,मसि,से परिचय कराने वाले आदि तीर्थंकर का यह प्रथम आहार दिवस दानपर्व के रूप में मनाया जाता है, चार प्रकार के दान श्रावक के मूल कर्त्तव्य बताये गये हैं, दान की महिमा का वर्णन शिविर मे़ शुक्रवार को छोटी छोटी लघु कथाओं के माध्यम से आज अंशिका एवं मुस्कान दीदियों ने शिविर में प्रवचन के माध्यम से प्रदान किया, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि इन दीनों धासपुरा दिगंबर महावीर जैन मंदिर और संत निवास में बच्चों को धर्म की शिक्षा संस्कार और संस्कृति से संस्कारित करने के लिए राजस्थान सांगानेर से प्रशिक्षित अंशिका एवं मुस्कान दीदी संस्कार शिविर में बच्चों को धर्म की शिक्षा एवं बड़ों को प्रवचन के माध्यम से धर्म का ज्ञानाअर्जन करवा रही है

          शिविर की भावनाओं के अनुरुप जाग्रत दान भावना शिविर के बच्चों में परिलक्षित हुई, दान के इस पावन पर्व पर जलज सचिन छाबड़ा,पर्व अर्पित झांझरी, नीर्ष नीरज जैन ने अपने जेबखर्च से आकर्षक राशि शांतिधारा मद में प्रदान कर शांतिधारा का लाभ लिया ,वहीं बालिकाओं ने भी पूजन द्रव्य सामग्री मे़ अपने जेबखर्च से राशि प्रदान की, शिविर में भाग लेने वाले सभी बच्चों ने वीडियो द्वारा बताए गए मार्गदर्शन पर चलते हुए आजीवन व्यसनों के त्याग का संकल्प भी लिया, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी अक्षय तृतीया के दिन मंदिर में भक्तांबर मंडल विधान की पूजा एवं प्रसादी के रूप में गन्ने के रस का वितरण किया गया, प्रात:कालीन सत्र पश्चात स्वल्पाहार का प्रायोजन धनपालजी कासलीवाल परिवार एवं

श्रीमती संगीता राजेंद्र जैंन परिवार की और से की गयी ! सभी बच्चों ने सामूहिक गन्ने के रस का आनंद भी लिया।

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