कुरान को हिदायत के लिए पड़े कुरान हिदायत देता है-सैयद नवाज़ अख्तर चिश्ती

लोकेंद्र सिंह परमार टीकमगढ़

कुरान को हिदायत के लिए पड़े कुरान हिदायत देता है-सैयद नवाज़ अख्तर चिश्ती

टीकमगढ़। नगर की जामा मस्जिद मैं 27 में रमजान को मस्जिद में रोजा अफ्तार किया गया उसमे आप तसरीफ लाये आस्ताना ओलिया समदिया फ फूंद शरीफ उत्तर प्रदेश से मुस्लिम धर्मगुरु हुजूर सय्यद नवाज अख्तर चिश्ती मियां साहब किबला रोजेदारो के साथ रोजा खोला, बाद नमाज ईशा आपने नूरानी तकरीर फ रमाई हुजूर चिश्ती मियां ने लोगो से फ रमाया- मुसलमानो हमारा फर्ज यह है कि कुरान को हिदायत के लिए पड़े, कुरान हिदायत देता है, कुरान रोशनी देता है। कुरान आपको जीने का तरीका सिखाता है। कुरान आपको हर कदम पर दर्श देता है, ईमान बालो ना किसी दोसरे का मजाक उड़ाओ, नाही तुम्हारा मजाक उड़ेगा। कुरान कहता की ना तुम गीबत करो, नाही तुम्हारी गीबत की जाएगी। कुरान कहता ना तुम चोरी करो ना ही कोई तुम पर इल्जाम लगे, ना तुम गुनाहों के करीब जाओ ना तुम्हे कोई गुनहगार कहे। हजरत नवाज़ अख्तर ने फरमाया कुरान तुम्हें साफ देखना चाहता हमको सुथरा देखना चाहता है कुरान जितनी हमसे मुहबब्त करता है, दुनिया की कोई किताब हमसे मुहब्बत नहीं करती, कुरान एक वाहिद किताब है जो अपने पढऩे वालों के लिए हर कदम पर रहनुमाई करता है। आपसे बुढ़ापे का सवाल पूछये कुरान ज़बाब देगा। आप बालकियात के बारे में पूछये कुरान ज़बाब देगा आप साइंस के बारे में पूछये कुरान ज़बाब देगा, बसरते आप मोहम्मद सल्लल्लाहो ताआला अलैहि वसल्लम के यानी बेटे छठे इमाम जाफिरे सादिक के गुलाम हो जाइए । हजरत नवाज अख्तर चिश्ती ने कहा हमारी ताकत हमारी हिम्मत आला हजरत हैए हजरत नवाज अख्तर चिश्ती ने कहा आला हजरत ने छठा इमाम जिसको बताया और फरमाया यह रूहानी इमाम है इनकी पैरवी करो। यह रूहानी इमाम मुस्तफा के बेटे है इनकी चप्पलो में बैठ जाओ ताकी कोई तुम्हें दुनिया में गुमराह ना कर सके। हजरत नवाज अख्तर चिश्ती ने लोगों से फरमाया मेरे अजीजो दोस्तों कुरान सिर्फ चलीसमां पर पडऩे के लिए नहीं है कुरान सिर्फ मैयत पर पडऩे के लिए , कुरान अपनी जिंदगी में पडऩे के लिए है, ताकि मरने के बाद कोई रहे या ना रहे हमे कुरान उठाने की जरूरत नहीं है। आज के समय ज्यादातर ओलादे अपने मां बाप को घर से बेघर कर देते है। ससस हजरत नवाज अख्तर चिश्ती ने लोगों से कहा कि आप नहीं समझे, आपने लोगों को समझाया कि जब ओलाद ज्यादा पैसे बाली हो जाती है तो 70 साल के बाद मां बाप बोझ लगने लगते है, मां जिए या बाप जिए, मां मरे या बाप मरे ओलाद को कोई फर्क नहीं पड़ता है, की बो बच्चा है की खाना नही खाता तो मां खाना नही खाती थी, अगर दूध के लिए जिद कर जाता था, बाप कहीं से भी दूध लेकर आता था। 70 साल की उम्र में इस बाप को यह दिन देखना पड़ रहा है यह दूसरो के रहमो करम पर है। इसका बेटा अपने घर में यानी अपने बाप के बनाए घर में एसो आराम की जिंदगी गुजार रहा है। हजरत ने फरमाया कुरान हमें सिखाता है अपने मां के साथ कैसा सुलुक करो कुरान कहता है कि जब जब तुम अल्लाह से दुआ करो तो कहें यह परवरदिगार मेरे बूढ़े मां बाप पर रहम फरमा, जैसा की उन्होंने बचपन में मुझ पर रहम फरमाया, कुरान कहता है अगर तुम्हारे मां बाप बुढ़ापे में पहुंच जाए और उनकी जबान से कुछ निकल जाए तो उसका पलट कर जवाब मत देना, कुरान हमारा यहां भी साथ देगा कुरान हमारा वहां भी साथ देगा। जिन दरवाजों से, जिन दरवाजों के सामने हाथ फेलाने की नौबत नहीं आती, उन दरवाजों से जब नेमते बाटी जाती है तो सच कहते है की इंशान को उन नेमतों की कोई कद्र नहीं होती, उनसे पूछो जिनको यह नेमते नहीं मिली उनकी कब्रों पर जाए उनसे सवाल करे तुमको क्या नहीं मिला ऐसी कौनसी चीज है जो अल्लाह ने तुमको नहीं दी। हजरत नवाज अख्तर चिस्थी ने कहा की मेरा ईमान कहता है, वह कहेंगे की हमारी उम्मतो में रमजान नहीं था। हमारी उम्मतों में मोहमद नहीं थे, यकीन करे आप एक ऐसा नवीं, जो हमारा सरदार बनकर आया उसका कोई जबाब नहीं, जिनके सदके में रमज़ान मिला उसका कोई जवाब नही, उस महीने में एक रात मिली उसका कोई जवाब नहीं, फिर नबाज अख्तर चिश्ती ने वहा बैठे लोगों से कहा रसूले पाक ने फरमाया है रमजान के आखरी असरे की बित्र रातों में लैलतुलकदर को तलाशो, नमाज अख्तर चिश्ती ने कहा बित्र रातें क्या है 21, 23, 25, 27, 29 आपने फरमाया की हम अगर लैलतुलकदर को तलाशने में लग जाए हम लोग लैलतुलकदर की जुस्तजू में में अगर उसको ढोडने में लग जाए। आप यकीन करें उसी सबब अल्लाह तआला हमारी मगफिरत फरमा देगा और हजरत नवाज़ अख्तर चिश्ती ने लोगो से फरमाया लैलतुल कद्र को तलाशना बा हू मुश्किल नहीं, आपने फरमाया रमजान की रात में जो रसूले पाक ने किया वह आप कीजिए, बहुत आसान है आप लोग दो रकात नमाज़ पड़ा। 80 साल की इबादत का सबाब मिलेगा, इक मर्तबा दरूद पड़ा, अस्सी साल के पडऩे का सबाब मिलेगा, आप ने फरमाया लोगो से बहुत आसान है, फि र हजरत नमाज़ अख्तर चिश्ती ने सभी लोगो को दो रकात नमाज़ पढ़ाई और दुनिया में अमन चेन बना रहे अल्लाह से दुआ मांगी।

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