वकीलों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में किया प्रदर्शन-तहसीलदार के खिलाफ की नारेबाजी, कहा- हर काम के लिए तहसील दफ्तर में मांगी जाती है रिश्वत

लोकेंद्र सिंह परमार टीकमगढ़

वकीलों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में किया प्रदर्शन-तहसीलदार के खिलाफ की नारेबाजी, कहा- हर काम के लिए तहसील दफ्तर में मांगी जाती है रिश्वत

टीकमगढ़। अधिवक्ता संघ ने गुरुवार को तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रदर्शन किया। वकीलों ने तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान एसडीएम कार्यालय पहुंचकर तहसील और एसडीएम दफ्तर में सालों से जमें बाबुओं को हटाने की मांग की। वकीलों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर तहसीलदार को हटाने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि टीकमगढ तहसीलदार गोविन्द सिंह ठाकुर अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर रहे हैं। अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से खुलेआम पैसों की मांग की जा रही है। पैसे न देने के अभाव में राजस्व संबंधी फाईलों को निरस्त किया जाता है। धारा-151 की जमानत पेश करने पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से आरोपी के परिजनों और अधिवक्ता से 5-5 हजार रुपए की मांग की जाती है। पैसे नहीं देने पर जमानत निरस्त कर दी जाती है। पैसे न देने के कारण कई दिनों तक जमानत नहीं दी जाती है। ग्रामीणों को भी राजस्व प्रकरणों में काफी परेशान किया जाता है। तहसीलदार ने अधिवक्ता रविन्द्र बिरथरे के साथ गाली-गलौज की थी। उन्होंने कहा कि 13 मार्च को एक किसान को कलेक्टर कार्यालय में जहर खाकर आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज इन्हीं मुद्दों को लेकर तहसीलदार और उनके कर्मचारियों के विरोध में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।

वकीलों ने दी आंदोलन की चेतावनी

कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन के माध्यम से वकीलों ने तहसीलदार को हटाए जाने की मांग की है। साथ ही एसडीएम और तहसील दफ्तर में सालों से जमें बाबुओं का तबादला करने की मांग की है। ज्ञापन के माध्यम से अधिवक्ताओं ने कहा है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन करेंगे।

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