कमल दल और कांग्रेस में घमासान के आसार-बीजेपी के अविजित सांसद डां कुमार को चुनौति देने कांग्रेस के पंकज होंगे मैदान में

लोकेंद्र सिंह परमार टीकमगढ़

कमल दल और कांग्रेस में घमासान के आसार-बीजेपी के अविजित सांसद डां कुमार को चुनौति देने कांग्रेस के पंकज होंगे मैदान में

टीकमगढ़। विधानसभा चुनाव में जतारा विधानसभा से भले ही कांग्रेस को जीत हासिल नहीं हुई हो, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को तोहफ ा दे दिया है। एससी विभाग कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, इसके पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा केंद्रीय मंत्री डां वीरेंद्र कुमार को उम्मीदवार घोषित किया गया था। आरक्षित टीकमगढ़ लोकसभा सीट में कई कांग्रेसी अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर पंकज अहिरवार के नाम पर कांग्रेस पार्टी ने मुहर लगाई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा भी अपने प्रत्याशी घोषित किए जा रहे हैं। भाजपा द्वारा पहले ही लगातार चौथी बार डां वीरेंद्र कुमार पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। वहीं अब कांग्रेस ने फिर एक बार नया चेहरा पेश किया है। पूर्ण रूप से अस्तित्व में लोकसभा सीट टीकमगढ़ के आने के बाद प्रत्याशी कांग्रेस बदलती रही और अब तक यहां से जीत हासिल नहीं हुई है। इस बार युवा चेहरे को मौका देते हुए कांग्रेस ने नया कार्ड खेला है। युवा होने के साथ ही जतारा, टीकमगढ़, पृथ्वीपुर, निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में पंकज अहिरवार की अच्छी पकड़ है। बीजेपी के अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों से चुनाव जीतते आ रहे टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से तीन बार लगातार सांसद रह चुके डां वीरेन्द्र कुमार की जीत का सिलसिला क्या कांग्रेस के पंकज तोड़ पाते हैं, यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

….और जब पंकज ने लिख दिया था पत्र-

बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता व एससी विभाग कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार आरक्षित जतारा विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट न देते हुए पूर्व लोकसभा प्रत्याशी किरण अहिरवार को टिकट दे दिया गया था। ऐसे में युवा नेता पंकज अहिरवार सहित 11 कांग्रेसी नेताओं ने प्रत्याशी से दूरी बनाते हुए विरोध जता दिया था। इस दौरान तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ और संभाग प्रभारी अरूण यादव को पत्र लिखकर 11 में से एक नेता को टिकट की मांग कर डाली थी। लेकिन बाद में बैठकों का दौर चला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की समझाइश के बाद पंकज अहिरवार मानें और कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते रहे।

लोकसभा प्रत्याशी बनाने बनी थी सहमति

एससी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार को लोकसभा का चुनाव लड़ाए जाने की बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा चुनाव के दौरान कही थी। ऐसे में उन्हें विश्वास दिलाने के साथ ही पूर्व लोकसभा प्रत्याशी किरण अहिरवार ने भी सहमति जताई थी। तब पंकज अहिरवार ने कांग्रेस के पक्ष में कार्य किया था। कांग्रेस यहां से जीत भले ही हासिल नहीं कर पाई हो, लेकिन लोकसभा का टिकट के रूप में पंकज अहिरवार को इनाम कांग्रेस पार्टी ने दे दिया है। अब लोकसभा सीट की 8 विधानसभा क्षेत्रों में पंकज अहिरवार दम भरेंगे।

हर बार बदले गए प्रत्याशी

कांग्रेस पार्टी ने आरक्षित सीट पूर्ण रूप से अस्तित्व में आने के बाद लगातार प्रत्याशियों को बदला है। वर्ष 2009 में लोकसभा सीट अस्तित्व में आई और पहला चुनाव कांग्रेस से वृंदावन अहिरवार ने लड़ा। दूसरा 2014 का चुनाव कांग्रेस से कमलेश वर्मा ने लड़ा और तीसरे चुनाव 2019 में कांग्रेस की ओर से किरण अहिरवार उम्मीद रहीं। लेकिन तीनों बार के चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र कुमार बाजी मारने में सफ ल रहे। अब कांग्रेस ने युवा और एससी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार को प्रत्याशी बना दिया। अब देखना है कि अब तक के अविजित सांसद डां वीरेन्द्र कुमार पर कांग्रेस उम्मीदवार कितने भारी पड़ते हैं, या फिर एक बार डां कुमार अपने जीत का सिलसिला जारी रखते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार पंकज अहिरवार के सामने बढ़ी चुनौतियां भी हैं, अब उन चुनौतियों का सामना वह किस तरह से करते हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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