नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला पाया पुलिस ने झूठा-, पीडि़ता की मां ने कहा- नहीं हुई कोई दुष्कर्म की घटना

लोकेंद्र सिंह परमार टीकमगढ़

नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला पाया पुलिस ने झूठा-, पीडि़ता की मां ने कहा- नहीं हुई कोई दुष्कर्म की घटना

दिगौड़ा। स्थानीय थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में 14 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ गांव के ही तीन लोगों पर गैंगरेप करने के आरोप पीडि़ता व उसकी दादी द्वारा लगाए थे, जिसकी शिकायत पीडि़ता व परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित आवेदन देकर दी गई थी। मोहनगढ़ थाना प्रभारी श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव व दिगौड़ा थाना प्रभारी नीरज लोधी ने पीडि़ता, उसकी दादी व अन्य परिजनों से पंूछतांछ की गई तो यह मामला झूठा पाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले के संबंध में मोहनगढ़ थाना प्रभारी श्रीमती संगीता श्रीवास्तव द्वारा गुरुवार की शाम को पीडि़ता व उसकी दादी से घटना के संबंध में बयान लिए गए। शनिवार दोपहर को फिर से पुलिस थाना में महिला थाना प्रभारी द्वारा पीडि़ता व उसकी मां जो बाहर थी, उसके बयान लिए गए। जिसमें पीडि़ता व उसकी मां के बयानों पर यह पाया गया कि पीडि़ता के साथ गैंगरेप जैसी घटना नहीं हुई है। पुलिस ने बताया है कि पीडि़ता की मां बाहर मजदूरी करने के लिए गई थी, घटना की जानकारी मिलने पर वह अपने घर आ गई और शुक्रवार को पीडि़ता के साथ पुलिस थाने में पहुंची, जहां पीडि़ता व उसकी मां ने गैंगरेप जैसी घटना का न होना बताया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में फरियादी पक्ष व अनावेदकों में आपसी सहमति पर राजीनामा किया गया है, जिसमें पीडि़ता व उसके परिजनों ने अपने बयान बदल दिए गए। विदित हो कि दिगौड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव की 14 वर्षीय नाबालिग बालिका ने अपने परिजनों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में गुरुवार को लिखित आवेदन दिया गया था। जिसके अनुसार 1 मार्च की रात करीब 11 बजे पीडि़त नाबालिग बालिका अपनी दादी के साथ गांव में शादी समारोह में गई थी। वहीं पर एक मकान में पीडि़ता के साथ गांव के तीन लोगों ने जबरन गैंगरेप कर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस घटना में मौके पर पीडि़ता की दादी पहुंच गई थी जिसके चिल्लाने पर तीनों लोग मौके से भाग गए थे। इन लोगों ने पीडि़ता व उसकी दादी को यह घटना किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इन लोगों ने पीडि़ता को पुलिस थाने में में भी नहीं जाने दिया। फिर पीडि़ता की दादी ने गांव के कुछ लोगों को घटना के संबंध में बताया तो गांव वालों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में घटना की जानकारी देने को कहा था।

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