’धूमधाम से मनाया गया बुद्धि विद्या की देवी का प्रकटोत्सव’सरस्वती विद्यालय में विद्यारंभ संस्कार,डोभी में हुआ सरस्वती पूजन

विपिन पटेल नरसिंहपुर

’धूमधाम से मनाया गया बुद्धि विद्या की देवी का प्रकटोत्सव’

तेंदूखेड़ा- बुधवार को बुद्धि विद्या ज्ञान की देवी मां सरस्वती के प्रकटोत्सव का महापर्व बसंत पंचमी संपूर्ण क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया।इस मौके पर जगह जगह सरस्वती पूजन किया गया। तथा विद्यालय परिसरों में भी शिक्षकों के साथ साथ छात्रों ने भी पूजन अर्चन किया।

’सरस्वती विद्यालय में विद्यारंभ संस्कार

अनुशासन सुसंस्कारित शिक्षा की अग्रणी संस्था सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में गायत्री परिजनों के द्वारा वैदिक रीति नीति से विद्यारंभ संस्कार संपन्न कराये। जिसमें 65 छात्रों ने उनके परिजनों के साथ पहुंच कर भाग लिया।इस मौके पर गायत्री परिजनों ने पहुंच कर वैदिक रीति नीति से मंत्रोच्चार के साथ देवाहन किया तथा हवन पूजन के उपरांत स्लेट कलम लेकर बच्चों को लिखना सिखाया। उक्त कार्यक्रम में विद्यालय परिवार का संचालक मंडल से लेकर आचार्य गण एवं नन्हे मुन्ने बच्चे तथा गायत्री परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित था।

’सर्वोदय विद्यालय में हुआ आयोजन’

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर विद्यालय परिसर में सुबह से ही पूजन अर्चन किया गया तथा महाविद्यालय परिसर में एक आयोजन कर पत्रकारों को सम्मानित किया गया।इस मौके पर प्रबंधक डा प्रकाश जैन , प्राचार्य श्रीमती डा किरण प्रभा जैन,सदस्य चंद्रभूषण पाठक तथा प्राध्यापक सीताराम रैकवार एवं श्रीमती अरुणा जैन के द्वारा सरस्वती महिमा का वर्णन करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।साथ ही उपस्थित पत्रकारों को सम्मानित करते हुए क्षेत्रीय विकास में लेखनी के महत्व और क्षेत्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाने हेतु प्रेरित किया। नगर के सदगुरू विद्यापीठ परिसर मे भी संस्थापक संचालक चंद्रकांत चौबे के द्वारा वेद विद्या ग्रहण कराने हेतु वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शिष्यों के मुंडन एवं विद्या संस्कारों के साथ सामूहिक भोेज का आयोजन किया तथा सरस्वती पूजन की।

’डोभी में हुआ सरस्वती पूजन’

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डोभी में बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया ।इस मौके पर संस्था की प्रभारी प्राचार्य राजेश्वरी साहू ने माँ सरस्वती वाणी, वुद्धि, और ज्ञान की देवी की महिमा वर्णित की।बसंत पंचमी को उनका प्रकटोत्सव हुआ, इसलिए आज का दिन विद्या के उपासकों के लिए विशिष्ट होता हैं। भारत में पतझड़ ऋतु के बाद बसंत ऋतु का आगमन होता हैं, हिंदू पंचाग में वर्ष का अंत और प्रारंभ बसंत में ही होता है। संस्था के वरिष्ठ शिक्षिक गोठल सिंह पटेल ने भी अपने विचार रखे। सभी बच्चों ने सम्मिलित होकर गीत कहानी व सरस्वती वंदना प्रस्तुत की जिसमें संस्था प्रभारी द्वारा बच्चों को पुरस्कार स्वरूप पेन काफी भी प्रदान किए गए, एवं सभी बच्चों से मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए भी प्रेरित किया गया। इस मौके पर विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक प्रमुख रुप से उपस्थित थे।

’छत्तरपुर में हुआ पूजन अर्चन’

शासकीय माध्यमिक शाला छत्तरपुर में भी विद्या, कला, सृजन, संगीत, वाणी, लेखनी, प्रेम, सौभाग्य और ऐश्वर्य की देवी मां सरस्वती की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। मां सरस्वती की आराधना की गई वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी।इस अवसर पर संस्था के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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