दीपक श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ Sj न्यूज़ एमपी छिंदवाड़ा
लोकेशन:- जुन्नारदेव
नई पीढ़ी के नौनिहालों के लिए स्कूल को एलईडी टीवी की भेंट
अपने पुराने स्कूल के उन्नयन के लिए छात्र ने दिया आश्वास
यह कुदरती सत्य है कि मानव जीवन में बीते हुए पल फिर कभी दोबारा जीवन में लौट कर नहीं आते है, लेकिन उन पलों की सुखद स्मृतियां मानस पटल पर अंकित हो जाती है, जो किसी विशेष समय पर फिर वापस स्वतः स्वयं उकेर आती है, जिसके एहसास से ही व्यक्ति आल्हादित हो जाता है। इसी तरह का एक मामला बीते दिवस देखने को मिला यहां पर अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा और बचपन को गुजारे हुए परिनम श्रीनिवास राव (शीनू) 35 वर्ष बाद लौटकर याद किये तो वह अत्यधिक भावुक हो गए। बीते दिवस गोवा में एक अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनी के उच्च पद पर आसीन परिनम श्रीनिवास राव लगभग 35 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद जुन्नारदेव पहुंचे थे। यहां पहुंचते ही उनके उस दौर के सहपाठी और मित्र गण के साथ मिलकर उन्हें एक अलग ही एहसास हुआ। इसी दौरान वह अपने प्रारंभिक प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा अर्जित किए जाने वाले स्कूल लाल बहादुर माध्यमिक शाला भी पहुंचे, यहां पहुंचकर वह अत्यंत भावुक हो गए। अपनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा अर्जित किए जाने वाले इस स्कूल के हालात को देखकर वह द्रवित भी हो गए। लगभग 35 वर्षों के बाद भी यह स्कूल का भवन आज भी उसी अवस्था में देखने के बाद अचंभित भी हुये। बावजूद इसके उन्होंने इस विद्यालय में अध्ययनरत नई पीढ़ी के नौनिहालों की पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए अपनी ओर से एक एलईडी स्कूल प्रबंधन को तुरंत प्रदान की है। परिनम श्रीनिवास राव ने इस मौके पर अपने सहपाठी और साथियों के साथ यहां के उन बीते पलों को साझा किया। इस दौरान वह काफी भावुक नजर आए। वर्तमान स्कूल प्रबंधन के शिक्षक प्रदीप सिंह ठाकुर और दीपाली शुक्ला को उन्होंने आवश्यकता होने पर स्कूल के सतत विकास के लिए अपनी सहमति भी प्रकट की है। संस्था के शिक्षक प्रदीप सिंह ठाकुर और दीपाली शुक्ला ने उनके इस अनुकरणीय व्यवहार पर साधुवाद प्रकट करते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना भी की है। इस दौरान परिमाण श्रीनिवास राव के सहपाठी एवं साथी सुभाष नागले, प्रवीण खंताल, संजय सोनी, अनिरुद्ध (बूटा) चटर्जी एवं तरुण बत्रा उनके साथ थे। इनके अतिरिक्त उनके परिवार से लंबे समय तक जुड़े रहे रवि पुराणिक, अशोक घोष, नवीन चंद्र विरानी सहित पत्रकार महेंद्र सूर्यवंशी और सुधीर रजक भी मौजूद रहे।
♦️स्कूल भवन के नहीं बदले हालात–
लगभग 35 वर्षों के बाद अपने स्कूल भवन में पहुंचे परिनम श्रीनिवास राव को यहां बिताए गए पल याद आ गए, लेकिन इस दौरान स्कूल की इमारत की हालात जस की तस देखकर वह अचंभित भी हुए। इस संदर्भ में पता चला है कि मध्य प्रदेश के लगभग अधिकतर स्कूलों के नवीनतम भवन बन चुके हैं लेकिन यह स्कूल रेलवे के भवन में लगाया जाता है। रेलवे के लिए लगभग अनुपयोगी हो चुका यह भवन की मरम्मत करना भी रेल विभाग लाजिमी नहीं समझता है। यही कारण है कि इस स्कूल का भवन अत्यंत कमजोर और जीर्णशीर्ण हो चुका है।इसके अतिरिक्त इस भवन की छत पर लगे टीन जगह-जगह से टूट फूट गए हैं, जिसके चलते यहां अध्यनरत नौनिहाल बच्चों को खासी असुविधा होती है। इस संदर्भ में स्कूल प्रबंधन के द्वारा रेल प्रशासन से लगातार इस भवन के मरम्मतीकरण के लिए विधिवत सूचित किया गया है, लेकिन अब तक हालात में कोई सुधार नहीं हुए हैं।
जिला ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव छिंदवाड़ा से
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