हेल्थ अफसर ने जारी किया अलर्ट-सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री बोले-पारे में आने लगा उछाल, खान-पान का रखे ख्याल, लू से बचाव के लिए रहे सतर्क

नरेन्द्र राय ब्यूरो चीफ Sj न्यूज एमपी रायसेन

लोकेशन:- रायसेन

रायसेन।रायसेन शहर में में अब गर्मी का मौसम जोर पकड़ने लगा है। दिन के पारे में धीरे-धीरे उछाल आ रहा है हवाओं की तसीर गर्म होने लगी है ।ऐसे वातावरण में अधिक तापमान के बदलाव से लू लगने की आशंका होती है। इसके साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों के दूषित होने की संभावनाऐं भी बढ़ जाती हैं।जिसके लिये जिले में स्वास्थ्य अफसरों की ओर से पूर्व में ही अलर्ट जारी किया गया है।


रायसेन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. दिनेश खत्री ने बताया कि आमजन धूप व गर्मी से बचें। घर के अंदर हवादार, ठंडे स्थान पर रहें। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक हो तो -बाहरी गतिविधियां सुबह व शाम के समय में ही करें। अत्याधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियां दिन के अधिकतम तापमान वाले घंटों में न करें। सफेद व हल्के रंग के पतले वस्त्रों का उपयोग करें, सिर को कपड़े या टोपी से ढ़कें। जूते-चप्पल तथा नजर के काले चश्में (गाॅगल) का प्रयोग करें। धूप में जाने से पहले भोजन व पर्याप्त पानी पीएं फिर घर से बाहर जाएं। । अधिक से अधिक पेय पदार्थों (नान अल्कोहाॅलिक) जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, जलजीरा, आमपना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करें। ताजा एवं स्वच्छ भोजन का सेवन करें। शिशुओं तथा बच्चों, 65 बर्ष से अधिक आयु के महिला व पुरूष घर के बाहर काम करने वाले, मानसिक रोगियों तथा उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखें। बंद गाड़ी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है ।अतः कभी भी किसी को बंद पार्किंग में रखी गाड़ी में अकेला न छोड़े। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि में यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें। यदि किसी व्यक्ति को लू लगने का संदेह होता है तो उसे तत्काल ठण्डे स्थान पर रखें। पानी, छांछ व अन्य तरल पदार्थों को पर्याप्त मात्रा में लेवे। यदि आराम न लगे तो तुरंत निकट के शासकीय या निजी चिकित्सायल में उपचार कराऐं। गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारी को लेकर स्वास्थ्य अफसरों ने सीएमएचओ ऑफिस में बैठक का आयोजन किया जिसमें चर्चा के दौरान आरएमओ डाॅ. यशपाल सिंह बाल्यान डाॅ. आलोक राय, डाॅ. एके. शर्मा, एवं डाॅ. बीएल आर्य, डॉ विनोद परमार महामारी नियंत्रक की उपस्थिति में लू (तापघात) से बचाव मौजूद रहे।

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