भोपाल,प्राईवेट स्कूल संचालक मंच म0प्र0 ने दिया कांग्रेस को समर्थन, कमलनाथ विजय पथ का शीघ्र होगा कार्यकारिणी का गठन

ब्यूरो Sj न्यूज एमपी भोपाल

भोपाल,वर्तमान सरकार भाजपा की 15 वर्षों की दमनकारी नीतियों ने एक नया मोड़ ले लिया है। म०प्र० प्राईवेट स्कूल संचालक मंच म०प्र० ने सर्वसम्मति से 6 हजार स्कूल संचालकों के साथ इस विधानसभा में कांग्रेस का साथ देने का निर्णय लिया। इस उददेश्य के साथ 23 जिलों के 35 सदस्यों का प्रतिनिधी मंडल 2 अप्रैल 2023 को भोपाल निवास में मुलाकत कर एक स्वच्छ पारदर्शिता शिक्षा नीति के साथ अपनी 5 सूत्रीय मांग रखी। कक्षा 1 से 12 तक रजिस्टर्ड फिरायानामा समाप्त कर नोटरीकृत किरायानामा स्वीकार किया जाये। एक एकड़ खेलकूद भूमि के स्थान पर प्राईमरी मिडिल 2 हजार वर्गफिट ईयर 4 वर्गफिट खेलभूमि को स्वीकृति प्रदान की जाये।

स्कूलों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाये एवं सिर्फ नवीनीकरण शुल्क लेकर मान्यता बढ़ाई जायें। आर टी ई की राशि उसी सत्र के अंत में अप्रैल मई में अन्य राज्यों के समतुल्य प्रदान की जाये माननीय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने पूर्ण आश्वासन दिया कि सरकार बनते ही म०प्र० एक स्वच्छ पारदर्शिता शिक्षा नीति के साथ आपकी 5 सूत्रीय मांग को पूर्ण करने की सहमति जताई है। जिस कारण म प्राईवेट स्कूल संचालक मंच म0प्र0 ने आभार माना है। ०००

प्राईवेट स्कूल संचालक मध म०प्र० ने इस विधानसभा चुनाव में माननीय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी कांग्रेस का ईमानदारी के साथ खुलकर पूर्ण समर्थन के साथ माननीय पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने ” कमलनाथ विजय पथ की स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश स्तरीय से ब्लॉक स्तर तक कार्यकारिणी गठन कर 230 विधानसभा में टीम बनाकर कांग्रेस के विजय संकल्प को पूर्ण करेगें

प्राइवेट स्कूल संगठनो ने स्कूल संचालको की समस्या व भेदभाव नीति के चलते माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी चौहान से मिलने का प्रयास एक बार नहीं कई बार किया। लेकिन नहीं मिले। उन्होंने तो हम संचालकों को चौर लुटेरे जैसे शब्दों से भी संबोधित किया। वर्तमान में शिवराज जी की हम प्राईवेट स्कूलों के प्रति दमनकारी नीति बड़ी तेज हो गई है। नये नये नियमों के जाल में फंसाकर प्राईवेट स्कूलों को बंद कराने की रणनीति चल रही हैं। सत्र 2023 24 में लगभग 5500 आवेदन हुये जिसमे सिर्फ 1200 स्कूलों को मान्यता प्रदान की गई है। 4300 स्कूलों को मान्यता प्रदान नहीं की गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार धीरे धीरे प्राइवेट स्कूलों को बंद करना चाहती है। सरकार हमारे अधिकार का आर टी ई की राशि हमें दो दो वर्ष न देकर हमें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा रहा है। हमारी राशि जो केन्द्र सरकार हमें देती है लेकिन यह सरकार हमारे अधिकार आर टी ई की राशि अन्य मदों में खर्च कर अपनी राजनीति रोटी सेंक हम संचालकों को आर्थिक रूप से कमजोर कर रहे हैं। क्या हम संचालक और कितना अन्याय सहन करें। इनकी रणनीति वर्तमान में अपने सी एम राईज स्कूलों में बच्चों की अच्छी भर्ती के लिये नये नये मापदंड नये तरीके से हम स्कूल संचालकों को कमजोर कर रही है। सभी जानते है कि म0प्र0 में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है। थोड़ा जो स्तर है वह सिर्फ और सिर्फ प्राईवेट स्कूलों की मेहनत के कारण है। म0प्र0 प्राइवेट स्कूल से कितने परिवार के सदस्यों को छोटा सही रोजगार मिला है। क्या सरकार इन्हें भी बेरोजगार करना चाहती है। वैसे भी सरकार ने इन 15 वर्षो में रोजगार पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

हम स्कूल संचालको को राजनीति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन हमारे अस्तित्व का सवाल है और यह सरकार भेदभाव पूर्ण नीति से शिक्षा नीति का कियान्वयन कर रही है। हम ऐसी सरकार अब अस्वीकार करते है और माननीय पूर्व मुख्यमंत्री जी कमलनाथ जी को पूर्ण समर्थन देते हैं। कांग्रेस को जिताना हमारा संकल्प है म०प्र० प्राईवेट स्कूल संचालक मय का एक एक साथी कांग्रेस के विजय संकप्ल के साथ है।

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