दोनों पार्टियों के लिए जीत आसान नहीं : गुना और चाचौड़ा में होगा त्रिकोणीय मुकाबला

मोहन शर्मा SJ न्यूज एमपी

*दोनों पार्टियों के लिए जीत आसान नहीं : गुना और चाचौड़ा में होगा त्रिकोणीय मुकाबला*

गुना विधानसभा चुनाव 2023 के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए दावेदारी जताने वाले नेताओं ने पार्टियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक ओर नाराज कांग्रेस नेता क्षेत्रों में जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ने ऐलान कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भाजपा के बागी नेता भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में आने के लिए आज नामांकन जमा कर सकते हैं। गुना जिले की कुल चार विधानसभा क्षेत्र गुना , बमोरी , राघोगढ़ , चाचौड़ा में अब तक आधिकारिक तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेताओं के नाम सामने नहीं आए हैं, लेकिन नामांकन पत्र जमा करने की आज अंतिम तिथि 30 अक्टूबर हैं। ऐसे में भाजपा कांग्रेस के बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ने के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं? सबसे कठिन स्थिति गुना विधानसभा और चाचौड़ा विधानसभा में बनती दिख रही है, जहां निर्दलीय/बागी अभी से ताल ठोंककर खड़े हो गए हैं। भाजपा के बागी नीरज निगम ने सोशल मीडिया के माध्यम से आज नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया है।

वर्तमान परिवेश में आसान नहीं गुना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा – कांग्रेस का जीतना? क्योंकि भाजपा से भागी हुए नीरज निगम आज निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गुना के जयस्तंभ चौराहे के लक्ष्मीनारायण मंदिर से रैली के रूप में पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं, वही राजनीति के जानकार बताते हैं कि नीरज निगम अपने वरिष्ठ नेताओं के दबाव में आकर नामांकन दाखिल नहीं करेंगे! वहीं कांग्रेस के हरिओम खटीक बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म जमा कर चुके हैं। और अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। हालांकि अभी तक अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है लेकिन क्षेत्र में डोर टू डोर जनसंपर्क फार्म जमा करने वाले प्रत्याशियों का जारी है।

दरअसल, जिले की चार विधानसभा सीटों में से भाजपा एकमात्र गुना सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही थी। जबकि कांग्रेस ने चारों सीट से अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए थे। लेकिन गुना सीट को भाजपा द्वारा लगातार होल्ड पर रखा जा रहा था, जिससे राजनीतिक गलियारों में भी तमाम तरह की चर्चाएं चल पड़ी थीं।

वहीं दूसरी ओर उक्त सीट से दावेदारी कर रहे दावेदार भी पशोपेश में थे, जिन्होंने न केवल फार्म खरीदे बल्कि जमा भी कर दिए थे। लेकिन भाजपा द्वारा उम्मीदवारी घोषित न किए जाने से असमंजस के बादल छाए हुए थे। इसी बीच रविवार को अचानक बीजेपी ने अपनी छठवीं सूची जारी की, जिसमें गुना विधानसभा क्षेत्र से पन्नालाल शाक्य को प्रत्याशी घोषित कर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया।

खास बात यह कि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गुना (अजा) सीट से पन्नालाल शाक्य को टिकट दिया। हालांकि, इस दौरान ज्यादातर मतदाताओं के सामने चेहरा नया था, लेकिन गुना सीट पर संघ और भाजपा की मजबूत पकड़ के चलते शाक्य ने कांग्रेस उम्मीदवार नीरज निगम को करीब 45 हजार मतों से पराजित किया था।

लेकिन 2018 के चुनाव में दावेदारी के बाद भी पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर 2013 में अशोकनगर विधायक रहे गोपीलाल जाटव को गुना लाकर उम्मीदवार बनाया। शाक्य को टिकट न मिलने के पीछे तमाम तर्क दिए गए, जिनमें उनकी विधायकी के दौरान बयानबाजी, चंद कार्यकर्ताओं से घिरे रहना, एंटी इन्कमबैंसी जैसी बातें सामने आईं थी ।

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