नरेन्द्र राय Sj न्यूज़ एमपी रायसेन
गुरु 31 मार्च को अस्त होकर 29 अप्रेल को उदित होंगे,
मलमास आज से, अगले 52 दिनों तक शादी-गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर रोक,कुंडली से मुहूर्त नहीं तो भी कर सकेंगे अक्षय तृतीया को विवाह
एंकर रायसेन।गुरु31 मार्च को अस्त होकर 29अप्रैल को उदित होगा।मलमास शुरू अगले 52 दिनों तक शादी गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर रहेगा विराम।
ज्योतिषाचार्य और पंडितों के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त जरूर देखा जाता है। ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से बने शुभ योग में ही शादी, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य होते हैं। शादी-विवाह के लिए सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त का ख्याल रखा जाता है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व होता है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।ऐसे में जिनका कुंडली से मुहूर्त नहीं निकलेगा वे भी इस दिन विवाह कर सकेंगे। इस साल 22 अप्रैल शनिवार को अक्षय तृतीया रहेगी।
आने वाले माह में विवाह के मुहूर्त….
माह मई : 1, 2, 3, 6,10, 11, 12, 13, 20, 21, 26, 27, 28, 29 और 30
माह जून : 5, 6, 7, 11, 12, 13 और 23, 29 जून को फिर देवशयनी एकादशी होने से 23 नवंबर तक देवशयन काल होने से विवाह आदि शुभ कार्यो के मुहूर्त नहीं है।
धर्मशास्त्री पण्डित ओमप्रकाश शुक्ला सौजना, पण्डित राममोहन चतुर्वेदी मुकेश भार्गव ने बताया कि दरअसल15 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करते ही मीनार्क नाम का मलमास लगेगा। इसके साथ 52 दिनों तक सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। वैसे विवाह का पिछला मुहूर्त 9 मार्च था और अब अगला मुहूर्त 1 मई 2023 को होगा। इसके पीछे कारण यह है कि विवाह का कारक गुरु तारा 31 मार्च शुक्रवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो 29 अप्रैल शनिवार को पूर्व दिशा में उदय होगा। इस बीच विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे।
Leave a Reply